SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 38
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 1. (क) सर्वनाम' शब्दों के विभक्ति प्रत्यय अकारान्त सर्वनाम(पु., नपुं.) पंचमी एकवचन 5/1 अपभ्रंश भाषा में अकारान्त पुल्लिंग और नपुंसकलिंग सव्वादि सर्वनामों के पंचमी विभक्ति एकवचन में 'हां' प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसे अकारान्त सर्वनाम (पु.) पंचमी एकवचन 5/1 सव्व (सब) (पु.) (सव्व+हां) = सव्वहां (पंचमी एकवचन) इयर (दूसरा) (पु.) (इयर+हां) = इयरहां (पंचमी एकवचन) अन्न (दूसरा) (पु.) (अन्न+हां) = अनहां (पंचमी एकवचन) पुव्व (पहला) (पु.) (पुव्व+हां) = पुव्वहां (पंचमी एकवचन) स (अपना) (पु.) (स+हां) = सहां (पंचमी एकवचन) त (वह)(पु.) (त+हां) = तहां (पंचमी एकवचन) ज (जो) (पु.)(ज+हां) = जहां (पंचमी एकवचन) क (कौन,क्या) (पु.) (क+हां) = कहां (पंचमी एकवचन) एक्क (एक) (पु.) (एक्क+हां) = एक्कहां (पंचमी एकवचन) नोट 1. . जो प्रत्यय अकारान्त (पु., नपु.) व आकारान्त (स्त्री.) संज्ञा शब्दों में प्रयुक्त हुए हैं वे ही प्रत्यय अकारान्त (पु., नपु.) व आकारान्त (स्त्री.) सर्वनामों में प्रयुक्त होंगे। यद्यपि इसमें कुछ अपवाद हैं जो सर्वनामों की रूपावली से समझे जा सकते हैं। ‘सर्वनाम शब्द इस प्रकार हैं- सव्व (सब), इयर (दूसरा), अन्न (दूसरा) पुव्व (पहला), स (अपना), त (वह), ज (जो), क (कौन,क्या), एक्क (एक)। यहाँ सव्वादि सर्वनामों के कुछ विभक्तियों के रूप बताये जा रहे हैं। शेष विभक्तियों के रूप पुल्लिंग में 'देव' के समान, नपुंसकलिंग में 'कमल' के समान तथा स्त्रीलिंग में 'कहा' के समान चलेंगे। अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण (23) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004214
Book TitleApbhramsa Hindi Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy