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________________ 1 १३० संघर्ष सत् और असत् के बीच जागरण क्या है ? आधि और उपाधि की चिकित्सा द्वन्द्वमुक्ति का उपाय प्रेक्षाध्यान iferay अप्पमप्पएणं' प्रेक्षा का दर्शन अन्तर्यात्रा है धर्म की यात्रा पथ, पाथेय और मंजिल दोषमुक्ति का नया उपाय प्रेक्षा है एक चिकित्सा विधि प्रेक्षा : आत्मदर्शन की प्रक्रिया प्रेक्षा का उद्भव और विकास प्रेक्षा का कार्यक्रम प्रेक्षा का आधार की अर्हता अन्तर्यात्रा मूल्यांकन की निष्पत्ति चेतना जागृति का उपक्रम' आत्मा से आत्मा को देखो कभी नहीं जाने वाली जवानी चेतना के केन्द्र में विस्फोट * सुखी जीवन का मंत्र : प्रेक्षाध्यान देश और काल को बदला जा सकता है। प्रेक्षाध्यान और अणुव्रत का सम्बन्ध स्वयं की पहचान' अन्तर्दृष्टि का उद्घाटन १. २ - ११-७७ लाडनूं । २. १०-४-८३ अहमदाबाद, प्रेक्षाध्यान शिविर का उद्घाटन । ३. ११-१२-७७ लाडनूं, प्रेक्षाध्यान शिविर का समापन समारोह । Jain Education International आ तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण मुखड़ा १६४ खोए १०८ जब जागे ६७ गृहस्थ १४३ प्रवचन ५ मुखड़ा मुखड़ा मुखड़ा मुखड़ा खोए मंजिल २ प्रेक्षा प्रेक्षा प्रेक्षा प्रेक्षा प्रेक्षा प्रेक्षा प्रवचन ५ खोए खोए सोचो ! ३ प्रवचन १० बीती ताहि प्रेक्षा मुक्ति: इसी खोए ६ ८ १ १३५ ८५ १२० ८६ १७९ For Private & Personal Use Only ५ ९ १६ ९६ ४९ ८५ १५७ ८२ १४१ ६५ १५ १३ ३७ ८४ ४. १८ - ३ - ७८ जैन विश्व भारती, चतुर्थ प्रेक्षाध्यान शिविर का समापन समारोह | ५. ४-९-७८ गंगानगर । ६. ३०-६-७६ राजलदेसर । www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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