SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 18 / साध्वी श्री सम्यग्दर्शना श्री उपदेशपुष्पमाला की टीकायें जैसा हम पूर्व में सूचित कर चुके हैं कि धर्मदासगणिकृत उपदेशमाला और हरिभद्रसूरि कृत उपदेश पद के पश्चात् प्राकृत के उपदेशात्मक साहित्य में मलधारी हेमचन्द्र कृत उपदेशमाला अपरनाम पुष्पमाला का स्थान है। यहाँ पर विशेष रूप से यह ज्ञातव्य है कि अपनी स्वरचित कृति पर आचार्य हेमचन्द्रसूरि ने संस्कृत भाषा में उपदेशमाला विवरण नामक बृहद् टीका लिखी है। इस स्वोपज्ञ टीका की यह विशेषता यह है कि इसमें आचार्य हेमचन्द ने जिन कथाओं का मूल ग्रन्थ में मात्र नाम निर्देश किया था, उन्हें पूर्व परम्परा से प्राकृत गद्य या पद्य, जिस रूप में भी वे उन्हें उपलब्ध हुई, उसका समावेश कर दिया था इसमें अनेक कथानक सिद्धर्षि की उपमितिभवप्रपंचकथा से लिये गये है। आचार्य मलधारी हेमचन्द्र भी उपदेशमाला अपरनाम पुष्पमाला की यह स्वोपज्ञ टीका वि.सं. 1175 में लिखी गई। इससे यह सिद्ध होता है कि मूल ग्रन्थ इसके पूर्व रचा जा चुका था। हेमचन्द्रसूरि कृत यह स्वोपज्ञ टीका लगभग 14000 श्लोक परिमाण है। इसी स्वोपज्ञ टीका के पश्चात् उन्हीं के शिष्य विजयसिह ने वि.स. 1191 में इस पर वृहवृत्ति लिखी। उसी के आधार पर खरतरगच्छ के साधु सोमगणि ने लगभग 5300 श्लोक परिमित लघुवृत्ति वि.स. 1512 में अहमदाबाद में लिखी, किन्तु इसके पूर्व इस पर अंचलगच्छ के जयशेखर ने विक्रम संवत् 1462 में लगभग 1900 श्लोक परिणाम संक्षिप्त अवचूरी लिखी थी। पूज्या साध्वी जी ने सोममणि की लघु कृति को ही आधार बनाकर मूल ग्रन्थ का हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत किया है। साधु सोमगणि का विस्तृत परिचय श्री अगरचन्द जी नाहटा ने वि.सं. 2017 में श्री मनमोहनयशः स्मारक के ग्रन्थानुग्रन्थ 26 के रूप में प्रकाशित 'पुष्पमाला' प्रकरण में दिया है। हम अतिविस्तार में न जाते हुये संक्षेप Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002507
Book TitleUpdesh Pushpamala
Original Sutra AuthorHemchandracharya
Author
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages188
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, P000, & P050
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy