SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 15
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उसके पास अतुल संपत्ति थी। एक बार उसने अपने यहां से अनेक प्रकार के पदार्थ लेकर वसंतपुर नाम के नगर को व्यापार के लिए जाने का विचार किया। अपने साथ दूसरे व्यापारी तथा अन्य लोग भी आकर लाभ उठा सकें इस हेतु से उसने सारे नगर में ढिंढोरा पिटवा दिया। यह भी कहला दिया कि, साथ आनेवालों का खर्चा सेठ देगा। सैंकड़ों लोग साथ आने को तैयार हुए। श्री धर्मघोष नाम के आचार्य भगवंत भी अपने साधुमंडल सहित उसके साथ चले। कई दिन के बाद मार्ग में जाते हुए साहूकार का पड़ाव एक जंगल में पड़ा । वर्षाऋतु के कारण इतनी बारिश हुई कि वहां से चलना भारी हो गया। कई दिन तक पड़ाव वहीं रहा। जंगल में पड़े रहने के कारण लोगों के पास का खाना-पीना समाप्त हो गया। लोग बड़ा कष्ट भोगने लगे। सबसे ज्यादा दुःख साधुओं को था; क्योंकि निरंतर जल-वर्षा के कारण उन्हें दोदो, तीन-तीन दीन तक अन्न-जल नहीं मिलता था। एक दिन. साहूकार को खयाल आया कि, मैंने साधुओं को साथ लाकर उनकी खबर न ली। वह तत्काल ही उनके पास गया और उनके चरणों में गिरकर क्षमा मांगने लगा। उसका अंतः करण उस समय पश्चात्ताप के कारण जल रहा था। मुनि ने उसको सांत्वना देकर उठाया। इस समय बारिश बंद थी। 'धन' ने मुनि महाराज से गोचरी लेने के लिए अपने डेरे पर चलने की प्रार्थना की। साधु गोचरी के लिए निकले और फिरते हुए धनसेठ के डेरे पर भी पहुंचे। मगर वहां कोई चीज साधुओं के ग्रहण करने लायक न मिली। 'धन' बड़ा दुःखी हुआ 'और अपने भाग्य को कोसने लगा। मुनि वापिस चलने को तैयार हुए। इतने ही में उसको घी नजर आया। उसने घी ग्रहण करने की प्रार्थना की। शुद्ध समझकर मुनि महाराज ने 'पात्र' रख दिया। धन सेठ को घृत बहोराते समय इतनी प्रसन्नता हुई मानों उसको पड़ी निधि मिल गयी हो । हर्ष से उसका शरीर रोमांचित हो गया। नेत्रों से आनंदाश्रु बह चले। बहोराने के बाद . उसने साधुओं के चरणों में वंदना की। उसके नेत्रों से गिरता हुआ जल ऐसा मालूम होता था, मानो वह पुण्य बीज को सींच रहा हो । : श्री आदिनाथ चरित्र : 2 :
SR No.002231
Book TitleTirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherRamchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages360
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy