Book Title: Zen Katha Author(s): Nishant Mishr Publisher: Nishant Mishr View full book textPage 8
________________ ऐसा है क्या? ज़ेन मास्टर हाकुइन जिस गाँव में रहता था वहां के लोग उसके महान गुणों के कारण उसको देवता की तरह पूजते थे। उसकी कुटिया के पास एक परिवार रहता था जिसमें एक सुंदर युवा लड़की भी थी। एक दिन उस लड़की के माता-पिता को इस बात का पता चला कि उनकी अविवाहित पुत्री गर्भवती थी। लड़की के माता-पिता बहुत क्रोधित हुए और उनहोंने होने वाले बच्चे के पिता का नाम पूछा। लड़की अपने प्रेमी का नाम नहीं बताना चाहती थी पर बहुत दबाव में आने पर उसने हाकुइन का नाम बता दिया। लड़की के माता-पिता आगबबूला होकर हाकुइन के पास गए और उसे गालियाँ बकते हुए सारा किस्सा सुनाया। सब कुछ सुनकर हाकुइन ने बस इतना ही कहा - "ऐसा है क्या?" पूरे गाँव में हाकुइन की थू-थू होने लगी। बच्चे के जन्म के बाद लोग उसे हाकुइन की कुटिया के सामने छोड़ गए। हाकुइन ने लोगों की बातों की कुछ परवाह न की और वह बच्चे की बहुत अच्छे से देखभाल करने लगा। वह अपने खाने की चिंता नहीं करता था पर बच्चे के लिए कहीं-न-कहीं से दूध जुटा लेता था। लड़की यह सब देखती रहती थी। साल बीत गया। एक दिन बच्चे का रोना सुनकर माँ का दिल भर आया। उसने गाँव वालों और अपने माता-पिता को सब कुछ सच-सच बता दिया। लड़की के पिता के खेत में काम करने वाला एक मजदूर वास्तव में बच्चे का पिता था। लड़की के माता-पिता और दूसरे लोग लज्जित होकर हाकुइन के पास गए और उससे अपने बुरे बर्ताव के लिए क्षमा माँगी। लड़की ने हाकुइन से अपने बच्चा वापस माँगा। हाकुइन ने मुस्कुराते हुए बस इतना कहा - "ऐसा है क्या?"Page Navigation
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