Book Title: Virchand Raghavji Gandhi Ka Jivan Charitra
Author(s): Shyamlal Vaishya Murar
Publisher: Jainilal Press

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वर्गीय वीरचन्द गांधी। genius begins great works; labour alone finishes them. महान कार्यों का आरंभ प्रतिभाशाली पुरुष करते हैं; पर उसका अंत श्रमशील मनुष्य ही करते हैं। ॥ प्रस्तावना ।। कर्तव्यशाली महापुरुषों का जीवन सामान्यता माननीय और अनुकरणीय होता है । इस संसार में करोड़ों मनुष्य पैदा होगये, हो रहे हैं और भविष्य में होंगे, परन्तु ज्ञान सम्पादन करके जिन्हों ने राष्ट्रोन्नति के लिये, समाजोन्नति के लिये परोपकार के लिये, और धर्म के निमित्त अपना स्वकर्तव्य समझ कर जिस महात्मा ने अनेक काम किये हों, कर रहे हो और भविष्य में करेंगे, वही महात्मा वंदनीय हैं। कर्त्तव्य के सहारे मनुष्य इस भूलोक को भी स्वर्ग बना सकता है और स्वयं मानव देव बन सकता है। पूर्व पुरुषों के महत्व का कारण उनकी कर्तव्य परायणता ही है । उसी कर्तव्य परायणता के उपासक पूर्व पुरुषों की स्तुति स्रोत गाये जाते हैं । कर्तव्य एक अजब और अमूल्य शक्ति है जिसकी साधना से देश, धर्म, और समाज उन्नति के शिखर पर चढ़ सकता है। कर्त्तव्य की प्रशंसा में एक अंग्रेज़ कवि का कथन है कि - I slept and dreamt that life was Beauty, I woke and found that life was Duty: स्वप्न दृष्टि में मानव जीवन सौन्दर्य में लिप्त दिखाई दिया, I woke and roamt that life w For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42