Book Title: Vigyan ke Aalok Me Jeev Ajeev Tattva Evam Dravya
Author(s): Kanhaiyalal Lodha
Publisher: Anand Shah

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Page 294
________________ 277 पुद्गल की विशिष्ट पर्यायें ताशकंद में बने धूपघर पानी के तापमान को बढ़ाकर 70 डिग्री सेंटीग्रेड तक गर्म करने तथा तापमान घटाकर शून्य डिग्री तक लाने में सहायक होते हैं। धूप-संयंत्रों से घर में प्रकाश देने, कुएँ से जल निकालने, भोजन पकाने, लकड़ी की उपज बढ़ाने आदि कार्य किए जाने लगे हैं। कैमरे से पदार्थ का ही फोटो खींचा जा सकता है, शून्य या रिक्तता का फोटो नहीं खींचा जा सकता है। साधारण कैमरा पदार्थों पर पड़ी प्रकाश की प्रतिक्षिप्त किरणों को ग्रहण करता है और इससे फोटोग्राफ रूप चित्र तैयार हो जाता है। इसी प्रकार ताप चित्र लेने के कैमरे भी बन गये हैं। इन कैमरों को थर्मोग्राफ कहा जाता है। ताप यदि पदार्थ न होता तो इसका चित्र लेना कभी संभव न होता। इन कैमरों ने प्रमाणित कर दिया है कि ताप एक पदार्थ (पुद्गल की पर्याय) है। थर्मोग्राफ-यंत्र जिस पदार्थ का ताप चित्र लेना हो, उसमें से निकलने वाली अवरक्त किरणों को एक लेंस द्वारा ग्रहण करता है। __ तापचित्र के उपयोग से आजकल महत्त्वपूर्ण कार्य होने लगे हैं। स्त्रियों के स्तन के कैंसर का पता लगाया जा सकता है। भूमि के गर्भ में छिपी गैसों को खोजा जा सकता है। इंजनों को बंद किए या खोले बिना ही उनमें पैदा हुई खराबियों को ढूँढ़ा जा सकता है। इससे ये कैमरे एयरलाइन, एयर कंडिशनिंग व बिजली सप्लाई कम्पनियों के लिए बड़े लाभदायक सिद्ध हो रहे हैं। हेलिकॉप्टर में थर्मोग्राफ यंत्र रखकर दुर्गम वनों व पर्वतों में स्थित बिजली के खम्भों व तारों की खराबी का पता लगाया जाने लगा है। बिजली के यंत्रों व उपकरणों को बिना खोले ही उनकी आंतरिक गड़बड़ी को खोजा जाने लगा है। थर्मामीटर शरीर के भीतरी अवयवों के तापमान को सूचना नहीं दे सकता। थर्मोग्राफ यह काम कर

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