Book Title: Vastupal Tejpal no Ras Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 5
________________ आदे अणहिलवाडं होय, गोपाले वास्युं गम जोय ॥ १५ ॥ शशा आगल श्वानज हागुं, गोवाले गम निरधामु ॥ अण हिल गोवाल नामज जाणो, नरसमुष बीजुं मन आणो ॥ १३ ॥ आज पाटण नाम कहीवायुं, ए मोटुं गाम गवायुं ॥ तेहनो सांजलो विरतंत, ते कहेतां उपजे खंत ॥ १४ ॥ पाटण पासे मालासण गामो, तिहां वसे घांची राणो नामो ॥ स्त्री तेमी नगरे आवे, पाटण देखी आनंद पावे ॥ १५ ॥ नयर जोतां नारी मन हींसे, कणेकमां नाह नवि दीसे ॥ पातरीयां बेहु गमार, शोध्ये लाधो नहीं पीयु सार ॥ १६॥ राजा आगल जपोकारी, पीयु लाधो नहीं कहे नारी ॥ नामे राणो वाम आंखे काणो, ए अहिनाणे अम पीयु जाणो ॥ १७ ॥ राणी वचन सुणी राय हरखे, घांचण सामु राजा निरखे ॥ अश्रुपात करती ते बाला, राय जुए स्त्रीना चाला ॥ १७॥ राये नारी करुणा आणी, ढंढेरो फेरे नगरे जाणी ॥ घांची राणो वाम आंखे काणो, सहु मिली आवो राय गणो ॥ १ए ॥ नवसे नवाणुं मच्या ए जात, तोहि नाव्यो नारीपत्र तात॥काणा देखी नारी मुख जोवे, निज नाह न दोगे तब Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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