Book Title: Vardhaman Padmasinh Shreshthi Charitam Author(s): Amarsagarsuri Publisher: Shravak Hiralal Hansraj View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jan Archana Kendra www.kobatrmorg Acharya Shri Kasagarsur Gyan and वर्धमान चरित्रम्, ॥ श्री जिनाय नमः ॥ ॥ श्रीअंचलगच्छस्थापक आर्यरक्षितमूरिभ्यो नमः ॥ ॥ श्रीमत्कल्याणसागरसूरिभ्यो नमः ॥ ॥ अथ श्रीवर्धमानपद्मसिंहचरित्रं प्रारभ्यते ॥ (कर्ता श्रीअमरसागरसूरिः) भाषांतर कर्ता, तथा छपावी प्रसिद्ध कर्ता-पंडित श्रावक हीरालाल हंसराज. लालन. (जामनगरवाळा ) ॥ अथ प्रथमः सर्गः प्रारभ्यते ॥ श्रीशांतिनाथं प्रणमामि भक्त्या । यस्याननेंदोर्हि सुधासमूह ॥पीत्वामरत्वं जविनोऽत्र नेजुः । श्रीशाश्वतानंदमयं जगत्यां ॥१॥ जेमना मुखरूपी चंद्रमांथी (निकळेला) अमृतना समूह ने पीने आ जगतमा ( रहेला) भव्यजनो शाश्वता आनंदवाळा मोक्षपणाने पाम्या छे, एवा श्रीशांतिनाथप्रभुने हुँ भक्तिवडे नमस्कार करुं छु. ॥१॥ ॥ For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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