Book Title: Vakya Rachna Bodh
Author(s): Mahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
Publisher: Jain Vishva Bharti

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Page 641
________________ ६२४ पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध १२३ १२ स च १२३ २३ शब्द रहता १२५ ८ प्रच्छदपद: १२६ १० लवणाक्षि १२६ २५ १२६ १३३ २६ १३५ १५ समूहे के १३५ २३ नियय २३३ १३६ १४ त्रल् कटयलूलम् १३८ १४ संख्या ४३ १४५ ४ १४६ ह १४७ २१ १५० १५४ ४ १५४ ८ २३ १८२ १८५ पर रहस् सहरति तद्धति के १५६ १० १६१ १ १६१ ३ १६६ १५ वृनत् १६६ १६ धूनत् प्रतिनिध्यम् निगम २७६ तद्धति के चान्दनः बालः इकण् प्रत्यय शब्दों से बर्षिमा १६१ २ १९३ ३० १९४ २ पुंस शब्द पुंस शब्द १७० ५ १७० १६ १७१ ३५ १७४ १२ १७५ १८ सूर्य १७७ १८ १७, १७७ १८ पून श् ७ नियम ४७३ २५ गोपालः बिन नियम ४०४ लम्भयति इन्द्रजालिक: संख्या १०६ से ११२ व्रीहिमान शुरु सा च शब्द शेष रहता प्रच्छदपट: लवणाक्षम् परे रहस् संहरति तद्धित के समूह के नियम २३३ त्रल्कट्यलूलम् संख्या ६६ प्रातिनिध्यम् नियम २७६ तद्धित के चान्दनबाल: इकट् प्रत्यय शब्दों से हन्ति अर्थ में वर्षमा पुंस् शब्द पुंस् शब्द वृन्त् धून्त् इन्द्रजालिक: वाक्यरचना बोध संख्या १०६, ४२,१११,११२ व्रीहिमान् छिन्ते सूर्य : ११७ पून्श् नियम ४७६ गोपालेन त्रिन् नियम ५०४ लम्भयति

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