Book Title: Vadnyaya
Author(s): Shantrakshit Acharya
Publisher: Mahabodhi Sabha
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[ IIXX
मल
31
4,480
पृष्ठ-पंक्ति- श्लोकपरिमाणं ग्रंथाः, तट्टीकाकाराश्च परिच्छेदाः | वेष्ठनं । पृष्ठ-पंक्त्यंकाः । परिमाणं | मूलं - टीका
योगः कमलशीलः ॥ CXI.3 II3ar-122b6_8.27
221 जिनमित्रः ,
CXI.4 122b6-123b8 .18 ४. हेतुविन्दुः I-IV xcv.13_337a8-357a3 19.II 444 4,036 विनीतदेवः (टीका) CXI.5 123b8-223b6_100.13
2,268 अर्चट: (विवरणं) CXI.6 223b7-302a8 78.9%%
1,768 ५. संबंधपरीक्षा
XCV.I4_357a3-358a7 0.17 29 1,080 I,109 धर्मकीर्तिः (वृत्तिः) xcv.IS 358a7-364b8 5.23
147 विनीतदेवः (टीका)
CXII.I Ib-26b8 24.20 शंकरानंद: , CXII.2 27a1-44a3 16.17
384 ६. वादन्यायः
xcv.16 364b8-400a7 35.7 798 3 ,509 4,307 विनीतदेवः (टीका)
CXII.3 44a3-7ras 26.16 शान्तरक्षितः ,
CVIII.2 7ras-183a7 III.16 ७. सन्तानान्तरसिद्धिः
xcv.17 400a7-404b3 3.17 72 4 74546 विनीतदेवः (टीका)
CVIII.I Ib-21b2
19.13
474
4,319 1,32,992 1,37,311 * ताल-पत्रपुस्तकान्ते-"नवशताधिकं । सहस्रद्वितयं" ग्रन्थपरिमाणं प्रदत्तम्।
548
वादन्यायः
609
2,9000

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