Book Title: Upasakadhyayan
Author(s): Somdevsuri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 654
________________ ५३२ ३०३ १२९ ३२० यात्रा यादव युक्ति योग योग (-के हेतु) योगपट्ट योगी (-स्वरूप) योगिमुख्य योगीश्वर १५३,२८२ २५८ ३१८ २७० २३१ २४ बंयावृल्य ९३ ३३५ रक्षा २८२ रचना (-के दो भेद) ३१३ रत्नत्रय ३०,११७,२१७,२१८, २१९,२२०,२२१,२६४, २७४,२९३,३००,३०१, ३२५ रत्नत्रयात्मा २६८ रसत्याग २८८ राग १५,१११ राजस दान ३०७,३०८ राजसूय १८८ रात्रिप्रतिमा २२३ वसुदेव २३८ बागलंकार ३१३ वेद २४,४५,८४,९६,१३९, वाग्मित्व ३.४ १४०,१९० वाचंयम ३१७ - (निरुक्ति) बाजपेय १८८ बेदमिन्दक २४ वात्सल्य ७१,९४,२२२ वेदविद्या वाद ३०४ बेदान्तवादी वादोन्द्र २२१ वैखानस वानप्रस्थ ३१६,३१८- वैषH वाम (मार्ग) वैधव्यचिह्न १५८ बाशिष्ठ वैच १३९,१४० वासना विकथा १४५ वैराग्य ३५,२५८ विचक्षण वैराग्य (स्वरूप) विचिकित्सना ५७ वैराग्यभावना ३३४ विचिकित्सा ८२ वैश्य १८९ विज्ञान २९६ व्यक्ति ३१३ विदेहवर्ष व्यत्यास (-मिथ्यात्व) ३१ विद्याधर ६९,६७,२२६ व्यञ्जन विधाविशुद्धि २९६ ब्यन्तर १२,४३,१०३ विधि २९३ व्याकरणपतञ्जलि विधोचित (-वर्ण) व्यास विनय व्रत १३,३८,१११,१३२,१४२, विनय (मिथ्यात्व) १५५,१५६,१८५,२१६,२२४ विनिन्दा ३१७,३३०,३३५ विन्ध्याटवी १३० व्रत ( का लक्षण) १४४ विपर्यय (मिथ्यात्व) व्रतपालन विपाक व्रतपुष्प विप्रलम्भ (-आर्तध्यान) विप्रश्नविद्या १७८ . विभ्रान्ति शंकर २०,९६ विवर्त शंका ३६,३८ विवेक शंख २३८ विशेषवेदित्व शंभु २४ विस्तार (-सम्यक्त्व) ११३,११४ शंसितव्रत वीतराग २,२२,२९६ वीतराग (सम्यग्दर्शन) १०८ शक्तिमुद्रासन वीरासन २८४ शम वीर्य शल्य (के तीन भेद) ११५ वृषोदण्ड शल्य (चार) ३३४ रूप (-मद) रौद्रध्यान ३२६ २६२ ३३५ ३२ ३०४ ३२० १२ लोक लोकवित्व लोकान्तर लोकाश्रय (-धर्म) लोकोत्तर (-ध्यान) लौकिक (-ध्यान) लोभ (का स्वरूप) २१५ २७७ ३३१ १२८ शक्ति २१ वत्सलता वन्ध्या स्तनन्षय वर्णाश्रम वलभी (-पुरी) बल्लकी १०१,२२० १३२ २३७

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