Book Title: Tattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tikat tatha Hindi Vivechanamrut Part 01 02
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

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Page 145
________________ परिशिष्ट-१ ॥ नमो नमः श्रीजनागमाय ।। mommmmmmmmmmmmm श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रस्य जैनागमप्रमारगरूपप्राधारस्थानानि 55 ॐ प्रथमोऽध्यायः ॥ मूलसूत्रम् सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्राणि मोक्षमार्गः ॥ १-१॥ * तस्याधारस्थानम्(१) नादंसणिस्स नाणं, नाणेण विना न हुन्ति चरणगुणा । अगुणिस्स नत्थि मोक्खो, नत्थि अमोक्खस्स निव्वाणं ॥ __ [श्रीउत्तराध्ययन सूत्र, अध्ययन-२८, गाथा-३०] (२) तिविहे सम्मे पण्णत्ते । तं जहा-नाण सम्मे, दंसण सम्मे, चरित्तसम्मे । [स्थानाङ्ग-स्थान-३, उद्देश-४, सूत्र-१६४/२] मूलसूत्रम् तत्त्वार्थश्रद्धानं सम्यग्दर्शनम् ॥ १-२ ॥ * तस्याधारस्थानम् तहियाणं तु भावाणं, सब्भावे उवएसणं । भावेणं सद्दहन्तस्स, सम्मत्तं तं वियाहियं । [उत्तराध्ययन सूत्र, अध्ययन-२८, गाथा-१५] मूलसूत्रम् तनिसर्गादधिगमाद् वा ॥ १-३॥

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