Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak
Author(s): Hemshreeji
Publisher: Hemshreeji

View full book text
Previous | Next

Page 35
________________ (३३) गुणा, तेथी पंचेंद्री ना जीव विशेषाधिक, तेथी बेइंद्री विशेषाधिक, तेथी तेइंद्री ना जीव विशेषाधिक, तेथी पृथ्वी कायना जीव असंख्याता गुणा तेथी वाउ कायना जीव असंख्याता गुणा, तेथी अप्पकाय ना जीव असंख्याता गुणा, तेथी वनस्पती कायना जीव अनंत गुणा अधिक होय ॥ ॥ इति ओगणत्रीस द्वार संपूर्ण ॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100