Book Title: Sudha Sanchit
Author(s): Revashankar Vaidya
Publisher: Revashankar Vaidya

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Page 671
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ૬૪ अहए। ४४१ अथ रहे पान ૪ ર૪ ૧૫ તેના લક્ષણ अनुक्रमणिश मुत्रनगररोगनलक्षण-रोग प २२४ अथ मुन्रोत्संगरोगनांससाग. रोग-५ २२४ ४४३ ऋाथ मुत्रक्षयरोगनांलक्षा ४४४ अथ मुत्रग्रंथीरोगनांलक्षागन्ट ४४ अथ शुक्र रोगनांजसा रोग ४४५ अथ ष्कापातञेने अनवादे खेतेरोग-१ २२५ अथ मूत्रसाहरोगनुंतरगलक्षण. ११ २२५ वौघात रोग-परतेनांगरानें सक्ष २२९ ४य अस्तीकुंडग रोगनांमे उ तेनांडारए॥ २२५ ४५० श्रथ मुत्रघातना पीपायोग ४५१ अथ सीमाही ग्रतः ४पर ये मुत्ररोधना उपाय-प-पर ४५३ प्रथ स्मरी रोगळेने नगत पथरी डे थे. 23. ४५४ श्रथ पथरी रोगनालेउ तेनांनांम. ४४ લક્ષણ ૨૨:૩૭ २. २२८ | २३० Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २३० रुपम अथ पथरीनी रीत्पत्ती४५९ अथ पथरीरोगनुपुर्वपलंगबानुं १ ४५७ अथ पथरीनुं सामान्यपलेयानु प्रष्ट रायनी पथरीनां ससाग उपअरी पीत्तैनी पथरीनांलक्षणं. अपनीपथरीनाशेगलांसक्षएग ૨૩૧ २३१ For Private and Personal Use Only ૩૧/ उर २३२ ડૉ. ४५० ૩૩ ४९१ अये वीर्य रोएगी पथरीनां लक्षएा १९२ अथ पथरीना दीपदव्य ४ अय पथरीरोगना अपायोग (लये 233 ४९४ य प्रमेहरोगनुंनीधनलक्षणन्नती त्रय प्रमेहरानी रीत्य

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