Book Title: Sikandar aur Kalyan Muni
Author(s): Dharmchand Shastri
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 14
________________ और वे आचार्य श्री के समक्ष पहुंचे... असंख्य स्त्री-पुरूष श्रद्धापूर्वक आचार्यश्री दौलामस को नमन कर रहे थे। विश्वविजेता सर्वप्रभूत्वसम्पन्न वैभवशाली शाहनशाह सम्राट सिकन्दर आश्चर्य चकित होगटा...... TVNE + 3. au -- DOETTE 158666000 ONARY THCCC Raulim Preetito Kritirna अरे! इस सन्यासी के. पासवस्त्र तक नहीं है। क्याबात है जो इतने स्त्री-पुरुष सम्मान दे रहे हैं। किसी जैन साधुको यूनान साथ ले चलना चाहिए। मुझे तो सफलता की कोई आशा नहीं दिखाई देरही है।

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