Book Title: Siddhi Sopan
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Hindi Granthratna Karyalaya

View full book text
Previous | Next

Page 39
________________ OOOO BOO ( ३९ ) www.www. (१७) . रोग - विना तत्शमनी' उत्तमओषधि जैसे व्यर्थ कही; तम-विन दृश्यमान होते सब, दीपशिखा ज्यों व्यर्थ कही । त्यों सांसारिक विषय - सौख्यका सिद्ध हुए कुछ काम नहीं, बांधित-विषैम-पराश्रित-भंगुर बन्धहेतु जो, अदुख नहीं || (१८) यों अनन्त - ज्ञानादि गुणोंकी सम्पत्से जो युक्त सदा, १. उस रोगको शान्त करनेवाली । २ बाधा सहित । ३ एक रस न रहकर वृद्धिन्हासको लिये हुए 1 HOOOOOOOOOOOOOOO OOOOOO

Loading...

Page Navigation
1 ... 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49