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तं जहा
ते आलोउं
इंगालक
वणकम्मे
साडीकम्मे
भाडीकम्मे
फोड
दन्तवाणिज्जे
लक्खवाणिज्जे
रसवाणिज्जे
केसवाणिज्जे
विसवाणिज्जे
जंतपीलणकम्मे निल्लंछणकम्मे
दवग्गिदावणया
सरदह-तलाय - सोसणया असइ जण पोसणया
अणट्ठादण्ड
इस प्रकार हैं।
उनकी मैं आलोचना करता हूँ ।
ईंट, कोयला, चूना आदि बनाना ।
वृक्षों को काटना ।
गाड़ियाँ आदि बनाकर बेचना।
गाड़ी आदि किराये पर देना।
पत्थर आदि फोड़कर कमाना ।
दाँत आदि का व्यापार करना ।
लाख आदि का व्यापार करना ।
शराब आदि रसों का व्यापार ।
दास-दासी, पशु आदि का व्यापार । विष, सोमल, संखिया आदि तथा शस्त्रादि
का व्यापार करना ।
तिल आदि पीलने के यन्त्र चलाना ।
नपुंसक बनाने का काम करना ।
जंगल में आग लगाना ।
सरोवर तालाब आदि सुखाना ।
वैश्या आदि का पोषण कर दुष्कर्म से द्रव्य
कमाना ।
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बिना प्रयोजन ऐसे काम करना जिसमें जीवों की हिंसा होती है।
निवृत्ति रूप व्रत लेता हूँ ।
विरमण व्रत चउव्विहे अणट्ठा दंडे पण्णत्ते वे अनर्थ कार्य चार प्रकार के हैं
{73} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र