Book Title: Shaddravya Vichar Part 2
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आ लघु ग्रन्थ उपयोगी प्रसंगे पासे रही शके ते माटे आवी नानी साइझ राखी छे, अने २४० पृष्ट थवा उपरांत, कागलो वगैरेनी मोघवारी छता-मात्र ०-४-० नी किम्मत राखी छे. ____ आ ग्रन्थमां द्रव्यना पद् भेद, तेना गुणो, तेना पर्याय, तेनु स्वरुप, तेना क्षेत्र क्षेत्री, परमाणुओना भेद, वर्गणा, आत्मा, नित्यपणुं, अनित्यपणुं, उत्पाद, व्यय, अने ध्रुव शी वस्तु छे, ज्ञानना प्रकार-भेद-व्यवहारज्ञान अने निअवज्ञान, कर्मना प्रकार, तेनो कता, कारण, द्रव्यना पक्ष, सप्तनय, प्रमाण, सप्तभंगीतुं स्वरुप ध्यानना प्रकार, बार भावना, अने समकितनुं स्वरूप वगेरे बाबतो उपर विवेचन घणीज उत्तम अने सरळ रीते कयु छ, तेनो द्रव्यानुयोगना अभ्यासीओ पोते उपयोग करशे अने www.kobatirth.org For Private And Personal Use Only

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