Book Title: Sanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar
Author(s): Devardhi Jain
Publisher: Chaukhambha Prakashan

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Page 43
________________ ३. श्री मिश्रीमलजी म. १. मधुकरकाव्यकल्लोलिनी ४. श्री रत्नचंद्रजी म. ५. श्री पुष्करमुनिजी ६. मधुकर शास्त्री ७. कृष्णदत्त शर्मा १. श्री महाप्रज्ञजी म. १. अश्रुवीणा २. श्री नथमलजी म. १. वैराग्यतरंगिणी ३. श्री चंदनमलजी म. १. प्रबोधपंचपंचाशिका ३. अनुभवशतकम् ५. वैराग्यैकसप्ततिः ४. श्री छत्रमलजी म. १. कृष्णशतकम् ३. भिक्षुशतकम् ५. कालूशतकम् ७. तेरापंथशतकम् ९. भिक्षुद्वात्रिंशिका श्री चंपालालजी म. १. अणुव्रतशतकम् ५. संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार : ४१ २. ज्योतिर्धरजयः भावनाशतकम् अमरसूरिकाव्यम् महावीरसौरभम् आत्मारामीयकाव्यम् तेरापंथी परंपरा २. भिक्षुशतकम् २. जिनचतुर्विंशतिका २. प्रास्ताविकश्लोकशतकम् ४. आत्मभावद्वात्रिंशिका ६. पंचतीर्थी २. महावीरशतकम् ४. जयाचार्यशतकम् ६. तुलसीशतकम् ८. देवगुरुद्वात्रिंशिका १०. तुलसीद्वात्रिंशिका २. धर्मशतकम्

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