Book Title: Samajonnayak Krantikari Yugpurush Bramhachari Shitalprasad
Author(s): Jyotiprasad Jain
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Digambar Jain Parishad

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Page 77
________________ // ॐ नमः श्री वर्धमानाय // श्रद्धेय पूज्य ब्रहमचारी शीतलप्रसाद जी के प्रति संस्मरणात्मक श्रद्धांजलि लेखक :- श्रीमंत समाज भूषण सेठ भगवानरास जैन, सागर म.प्र. "धर्म-धुरंधर, धर्मवीर अरु धर्म ध्यान के धारी / सम्यग् दर्शन-ज्ञान-चरित्र से शिव-पद के अधिकारी। जैन धर्म भषण, धर्म दिवाकर श्रद्धय ब्रह० शीतलप्रसाद जी धार्मिक साहित्य के मूर्धन्य विद्वान, साहित्यकार, रचनाकार, टीकाकार, ओजस्वी वक्ता, लेखक, सफल संपादक और दिगम्बर जैन परिषद के संस्थापक, समाज सुधारक तथा समाज में व्याप्त रूढ़ियों के उन्मूलक क्रांतिकारी संत महापुरुष थे / लगभग 40 वर्ष पूर्व बुदेलखण्ड भ्रमण के समय उनकी सानिध्य का सागर एवं इटारसी (म. प्र.) के वर्षायोग (चातुर्मास) के समय, हमारे लिए धार्मिक लाभ लेने और अपनी बात उन तक पहुँचाने एवं करने का भी सुअवसर प्राप्त हुआ जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार भी किया / / श्रद्धय ब्रह० जी जैन धर्म के गूढ़ तत्वों को जानने वाले उच्च कोटि के विद्वान थे हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, मराठी, गुजराती आदि भाषाओं के वह ज्ञाता भी थे / १६वीं शताब्दी के महान जैन आध्यात्मिक संत परम गुरुवर्य श्रीमद् जिन तारण तरण मंडलाचार्य जी महाराज के 14 आध्यात्मिक ग्रंथों का सागर चातुर्मास के समय जब उन्होंने स्वाध्याय किया, तो वह आत्म विभोर हो गये और हम साधर्मी सामाजिक बंधुओं की 70

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