Book Title: Rushimandal Stotra
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Sadgun Prasarak Mitra Mandal
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ऋषिमंडल-स्तोत्र
न्यास, उवज्झायाणं है नाभि, नमो लोएसव्वसाहूणं ह्रौ पादौ, ॐ ही नमो ज्ञानदर्शन चारित्रान हः सर्वागं रक्ष रक्ष स्वाहाः
करन्यास
ॐ हाँ अर्ह अंगुष्टांभ्यां नमः, ॐ ही अहंसिद्धा तईनिभ्यां नमः, ॐ ही अहं आचार्या मध्यमाभ्यां नमः ॐ ही अर्ह उपाध्याया अनामिकाभ्यां नमः ॐ ही अहं सर्वसाधवा कनिकाभ्यां नमः ॐ ही हा ही हूँ है हौ : धर्मकरतलकर पृष्टाभ्यां नमः ॥ ____ इस तरह करन्यास करके ऋषिमंडल स्तोत्र बोलकर पुष्पाञ्जली क्षेपन करना।
आव्हाहन ॐ ही ऋषभ अजित संभव अभिनन्दन सुमति पापभ मुपार्श्व चन्द्रप्रभ सुविधि शीतल श्रेयांस वासुपुज्य विमल अनंत धर्म शांति कुंथु अर मल्लिमुनिसुव्रत नमि नेमिपार्थ वर्द्धमानांता तीर्थङ्कर परमदेवा तस्याधिष्टायकादेवा अत्रागच्छगच्छ अवतरय स्वाहाः॥
इस मंत्रको बोलकर पुष्पाञ्जली प्रक्षेप करके आव्हाहन करना चाहिए।
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