Book Title: Rashtrabhasha Shabdakosh
Author(s): Sahityaratna
Publisher: Vora and Company Publishers Limited
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कर. मुक्ति नल-स्त्री० [अनुकरण पु० देखादेखी नसण्या - वि० नकल करनेवाला वि० नकल नवीस
'न' ]
न - वि० सवथा वि० बिलकुल; सर्वथा नयेतर - वि० अशुभ वि०
૧૪૦
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नङ्कयो–५० अंकुड़ा पु० नी-पुं० नासिका स्त्री० नाक नरड - वि०० क्षुधित वि० भूखा न२ - वि० ठोस वि० संगीन नही - वि० निश्चित वि०
[ નજરક
नमेह - वि० अशुभ वि० नमो-न० जोन्मूलन पु० नेस्तनाबूद
नाशी - वि० बनावटी वि०
नहशी - स्त्री० नक्काशी नउशीहार - वि० नक्काशी किया हुआ नकुशी - ५० पु० नक़्शा ना - ० अनुपयोगी वि० निकम्मा नार - स०४० ना करना अ० क्रि० इन्कार करन
नोहियु - (१० विनाशक वि० नग-५० पर्वत पु० कोह नगाल, नगुण्य - वि० कृतघ्न बि० नग - न० रोकड़ा पु० नगद नगर-न० पु० शहर नमरयर्या - स्त्री० लोकवार्ता स्त्री० नगर - ० नगरका प्रधान धनिक पु० नगरी - स्त्री० नगरी नौ० शहर ; वि० शहरी आदमी
ना३ - वि० हठी वि० जिद्दी
नगु३ - वि० गुरुद्दीन वि० ; बेशर्म नमास-५० इत्या-स्थल पु० कसाईखाना | नगाधिशन-५० हिमालय पु०
नीम-५० छड़ीदार पु० चोबदार नपुण ५० नेवला पु० ; सबसे छोटा
पाण्डव
नगा३ - १० नगारा, नक्कारा नगारथी -५० नगारा बजानेवाला,
नक्कारची नगीन-न० रत्न पु० नगीना नग्न- वि० नंगा वि० ; बेशर्म नथित ५० प्रग्नि स्त्री० आग नयित - वि० निश्चिन्त वि० बेफिक्र
नछुट-२० परिस्थितिवश प्र०
नक्षत्र - न० तारामंडल पु० नम-५० नाखून पु०
लाचारीसे
न५२–२० शृंगारिक चेष्टा स्त्री० नखरा नहोवु - वि० पुत्रहीन वि० बेऔलाद ।
नमराणु - वि० नखरेबाज
नमशि- २० एवी से चोटी तक श्र० नमियु-न० नाखून काटने का
औजार पु०
नादान
नही४-२५० अ० नजदीक, निकट न०४२- स्त्री • दृष्टि स्त्री० नजर
न २४ - स्त्री० दृष्टिदोष पु० नजरचूक
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