Book Title: Pushkarmuni Abhinandan Granth
Author(s): Devendramuni, A D Batra, Shreechand Surana
Publisher: Rajasthankesari Adhyatmayogi Upadhyay Shree Pushkar Muni Abhinandan Granth Prakashan Samiti

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Page 6
________________ समर्पण ज्ञान और दर्शन के ध्यान और योग के इतिहास और साहित्य के संस्कृति और सभ्यता के अध्यात्म और चिन्तन के आगम और न्याय के जो गंभीर ज्ञाता हैं जिनके जीवन का करण-करण मन का अणु-अरणु प्रतिपल-प्रतिक्षरण आत्मोत्थान के साथ ही समाजोत्थान के लिए समर्पित है, जिन्होंने भारत के विविध अंचलों में पैदल-परिभ्रमरण कर धार्मिक, सांस्कृतिक प्राध्यात्मिक उत्क्रान्ति की, हजारों लाखों व्यक्तियों को विकार और व्यसनों से मुक्त कर साधना के पवित्र पथपर बढ़ने को उत्प्रेरित किया उन्हीं परम श्रद्धेय राजस्थानकेसरी अध्यात्मयोगी, उपाध्याय सद्गुरुवर्य श्री पुष्कर मुनि जी के पवित्र कर-कमलों में सादर सभक्ति समर्पित -देवेन्द्रमुनि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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