Book Title: Pramey Kamal Marttand
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Satya Bhamabai Pandurang

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Page 912
________________ ७५० सङ्केतविवरणम् तैत्ति तैत्तिरीयोपनिषत् ( निर्णयसागर वम्बई ) ६६। द्रव्यसं० द्रव्यसंग्रहः (रायचन्द्रशास्त्रमाला बम्बई ) ५६५। न्यायकुमुदचं० न्यायकुमुदचन्द्रः (माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला बम्बई) २०,२५, ३१,३८,३९,४२,४३-४६,४९,५०-५३,५५,५६,५९,७२,७७,८३,९४,९५, ९७,९९,१००-१०४,१०६,१०७,११०,११२-११९,१२१-१२५,१२७. १३२,१३५-१३७,१४०-१४२,१४५,१४७,१४८,१५०,१६१,१६२,१६७, १६९,१७०। न्यायभा० न्यायभाष्यम् (चौखम्बा सीरिज काशी ) १६,५९,९८,१६७,२३७, ६५१,६६३॥ न्यायवा० न्यायवार्तिकम् (चौखम्बा सीरिज काशी) १४,१६,७५,१३२, २६९,२७०,४७६,६१४,६६४॥ न्यायवा० ता० टी० न्यायवार्तिकतात्पर्यटीका (चौखम्बा सीरिज काशी) १४, २०,४९,५१,५३,५९,९५,१३२॥ न्यायमं० न्यायमञ्जरी (विजयनगरम् सीरिज काशी) १३,१४,२०,२५,४६, ४९-५१,५३,५४,५९,६१,६२,६७,७२-७४,७७,७९,९४,१००,११४, ११८,१६७॥ न्यायबि० न्यायबिन्दुः (चौखम्बा सीरिज काशी) ७,२२,७८,९३,१०३। न्यायबि० टी० न्यायबिन्दुटीका० ( , , )२५,२८॥ न्यायविनि० न्यायविनिश्चयः (सिंघीजैन सीरिज कलकत्ता) ११९। न्यायलीला० न्यायलीलावती (निर्णयसागर बम्बई ) ५९। न्यायसू० न्यायसूत्रम् (चौखम्बा सीरिज काशी ) १८,९७,१००,११४, ११५,११८,२२०,२५७,२५८,३४७,३५७,३६२,३६५,३७२,३७४,५३६, ६४६,६४७,६४९-६५१,६५३,६५५-६५९,६६३-६७१,६७४,६८६,६९२॥ पत्रप० पत्रपरीक्षा (जैनसिद्धान्तप्रकाशिनीसंस्था कल कत्ता) ६८४,६८६, परीक्षामु० परीक्षामुखम् (जैनसाहित्यप्रसारक का • बम्बई) १७८,२२५, ३५५,४४५,६८५। पाणिनिधातुपा० पाणिनिधातुपाठः (सिद्धान्तकौमुद्यन्तर्गतः) ७,६८८॥ पा० महाभा० पातञ्जलमहाभाष्यम् ( निर्णयसागर बम्बई ) १०४। पाणिनिव्या० पाणिनिव्याकरणम् ( निर्णयसागर बम्बई ) ६७९। प्रकरणपं० प्रकरणपञ्जिका (चौखम्बा सीरिज काशी) ५३,५४,१२८॥ प्रमाण० । प्रमाणपरीक्षा (जैनसिद्धान्तप्रकाशिनीसंस्था कलकत्ता) १५, प्रमाण प० । १९,३१,३३,३८,६३,१२१,१२५,१२७,१२८,१३२-१३४, १५०॥ प्रमाणवा० प्रमाणवार्तिकम् (भिक्षु राहुलसांकृत्यायन सत्कं प्रूफपुस्तकम् ) २८, ३२,३४,३८,८३,८४,९०,९५,९६,१०३,१०४,१०७,१०८,१६६,१८०,

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