Book Title: Prakrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan
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८२६ प्राकृत साहित्य का इतिहास धातुविद्या १४४
१९१, १९७, १९, २०७, २०८, धातूस्पत्ति ६७९
२१७, २७७ (नोट) धात्री १४४,५६१
नंदीचूर्णी १२२, २५९ धात्रीसुत ५६१
नंदीश्वरद्वीप २९६ धारणा १५३
नंदीसस्थव ५७२ (नोट) धारिणी २६२
नकुल २२० धारानगरी ३१९,३७३, ६५५, ६५९ नत्र ५७, ६७५ धुत्तक्खाण (धूर्ताख्यान) २४७, ३५९, नपत्र (मुनि)३१६ ३६२, ११२, ६६७
नक्षत्रों में लाभकारी भोजन ११५ धूर्ती (के आक्यान) ३५८ नक्षत्रों के गोत्र ११५ धूर्तशिरोमणि (पाँच) ४१३ नखछेदक १३६ धतियेण ३१६
नखरदन २२५ धौलि ६८१
नगर १४९, १५८, २२१ ध्रुवसेन ३१६
नग्नजित् १६८
नट २१९ ध्रुवसेन १५५ (नोट) ध्रौव्य २७२
नटी (लिपि) ४९६ ध्वजारोपण (विधि) ४५०
नदी (मह) १४१ ध्वजा २९५, ३५३
नन्दि (मुनि)३१६
नन्दिताब्य ६५२ ध्वन्यालोक ५९४, ५९५, ६५८, ६६५
नन्दिपुर ११४ (नोट)
नन्दिपेण (चरित) ४९९ नंद (मनियार) ८२
नन्दिषेण ५५७ नंद १२९, २५१,३५४, ५०९ नन्दिपेण (अजितशांतिस्तव के कर्ता) नंदन ८०
६५१, ६५३ नंदन (राजकुमार) ४७२
नन्दीतट ३२१ नंदिनीपिता ८८
नन्दीश्वरपंक्ति (व्रत)३२३ नंदिबद्धण ९७
नन्दीश्वरभक्ति ३०३ नंदिमित्र २६९ (नोट), ३१६ नमसूरि ३४१ (नोट), ५७१ नंदिषेण (पाश्र्वानुयायी) २५० नपुंसक (सोलह) १४२ नंदिषेण (आचार्य) ५७०
नभोगामिनी विद्या ४७३ नंदी (पात्र) २१८
नमिराजा १६८, ५२१ नंदीफल ८३,३५७
नमिप्रवज्या १६६,३५७ नंदिविधि ३५२
नमिसाधु १० (नोट), २७, २९ नंदी (नन्दीसूत्र)३३ (नोट), ३४ (नोट), ६५७
(नोट),३५, ३५(नोट), ४४,४५, नमुक्कारफलपगरण ५७१ ६२, ६६, ९२, १०२, १०३, १०४, नम्मयासुन्दरीकहा (नर्मदासुन्दरी11, १२३, ४८, १८९, १९०, कथा):५९

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