Book Title: Pragnapanasutram Part 03
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 818
________________ ८८० . . . . . . . . . . . . ' ' , 'प्रेापनास प्रयोगिणथ, कार्मणशरीरकायप्रयोगिश्च १६, एवम् एते चतुःसंयोगेन पोडश भगा भवन्ति, ' सर्वेऽपि च खलु संपिण्डित्ता अशीति भंगा भवन्ति, वानव्यन्तरज्योतिष्कवैमानिका यथा असुरकुमाराः। टीका-अथ चतुष्कसंयोगेन मनुष्याणां पडश भगान् प्ररूपयितुमाह-'अहवेगे य ओरालियमिसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पभोगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मसरीरकायप्पओगी य ११ अथवा एकच- कश्चन मनुष्यः औदारिकगरीरकाय. प्रयोगी च आहारकशरीरकायप्रयोगी च आहारकमिश्रगरीरकायप्रयोगी च, कार्मणशरीरकाय (अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य, आहारगमरीरकायप्पओगिणो य,आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पभोगिणोय) अथवा बहुत औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी, बहुत आहारकशरीरकायप्रयोगी, बहुत आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी, वहुत कार्मणशरीरकायप्रयोगी । (१६) ' (एवं) इस प्रकार (एते) ये (चउसंजोएण) चार के संयोग से (सोलस भंगा) सोलह भंग (भवंति) होते हैं (सव्वे वि च णं संपिंडिया) सब मिलकर (असीति) अस्सी (भंगा) भंग, (भवति) हैं (वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा असुरकुमारा). वानव्यन्तर, ज्योतिष्क, वैमानिक असुरकुमारों की तरह। ... . चतुष्कसंयोगवत्तपता .. टीकार्थ-अव चार-चार प्रयोगों के संयोग से होने वाले मनुष्यों संबंधी. ' सोलह भंगों की प्ररूपणा की जाती है: • अथवा कोई एक मनुष्य औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगी होता है, एक आहारकशरीरकायप्रयोगी होता है, एक आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगी" (अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य, आहरगसरीरकायप्पओगिणो य, आहारग मीसासरीरकायप्पओगिणो य, कम्मासरीरकायप्पओगिणो य) अथवा घg मोहा४ि મિશ્રશરીરકાયયેગી, ઘણા આહારકશરીરકાયપ્રગી, ઘણું આહારક મિશ્રશરીરકાયોગી घा मशरी२४ायप्रयाशी. (१६) (एवं चेव) से प्रहारे (एते) से (चउ संजोएणं) यार सयोगयी (सोलस भंगा) सोल Hi (भवंति) थाय छे (सव्वे वि य णं संपिडिया). मधा मान (अस्सीति) मेसी (भंगा) लन (भवंति) छ (वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा असुरकुमारा) वानव्यन्त२, ज्योति०४, भने । વૈમાનિક અસુરકુમારની જેમ यतु०४ सय पतष्यंता ' . . . - ટકાથ-હવે ચાર-પ્રગોના સંગથી થનાર મનુષ્ય સંબન્ધી સેળ ભંગની પ્રરૂया ४राय छे. અથવા કેઈ એક મનુષ્ય ઔદારિક મિશ્રશરીરકાયDગી હોય છે, એક અહારક શરરકાયમયેગી હોય છે, એક આહારક મિશ્રશરીરકાયમી થાય છે, અને એક કાર્પણ

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