Book Title: Prachin Jain Itihas Part 02
Author(s): Surajmal Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 180
________________ परिशिष्ट क, ख, की सूचना। -HOK-- पृष्ठ ४ और १२ में जो परिशिष्ट 'क' 'ख' का उल्लेख किया गया है उसके लिये निवेदन है कि पहिले इन परिशिष्टोंमें चक्रवर्ती, बलभद्र, नारायण और प्रतिनारायणकी संपत्ति आदिका वर्णन देनेका विचार था; परन्तु पहले भागमें यह वर्णन दिया जा चुका है तथा बलभद्र, नारायण और प्रतिनारायणकी संपत्तिका वर्णन इसी भागमें राम, रावणके पाठोंमें भी किया गया है, अतः पृथक् रूपसे परिशिष्टोंमें वर्णन करना उचित नहीं समझा गया ।

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