Book Title: Pantrish Bolnno Thokdo
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 21
________________ (१ए) २५ बहुबीजानुं फल, १६ अनंतकाय कंदमूल फल, १७ बोला- अथाएं, १० काचां गोरसमां करेला की, रए वेगण रींगणां, २० जेनुं नाम न जाणतां होए एवां अजाएयां फल फूल, २१ तुबफल ते चणीयां बोर तथा कुंअली वस्तु, अत्यंत काचां फल, तथा पीखूमां, पीचू प्रमुख, २५ चलित रस ते सडेबुं अन्नादिक, जेनो काल पूरो थयाथी स्वाद बदल्यो होय, रस चलित थ गयो होय ते, ए बावीश अजय वर्जवा योग्य . तेनां ते नाम जाणवां ॥ ३१ एकत्रीशमे बोले एक व्यानुयोग, बीजो गणितानुयोग, त्रीजो चरणकरणानुयोग अने चोथो धर्मकथानुयोग, ए चार अनुयोग जाणवा ॥ ____३५ बत्रीशमे बोले एक देवतत्व, बीजुं गुरुतत्व अने त्रीजुं धर्मतत्व, ए त्रण तत्व जाणवां ॥ ___३३ तेत्रीशमे बोले काल, स्वनाव, नियत, पूर्वकृत कर्म थने पुरुषकार ते उद्यम,ए पांच समवाय जाणवा. ___३४ चोत्रीशमे बोले एक क्रियावादीना एकसो एंशी नेद,बीजाश्रक्रियावादीना चोराशी नेद,त्रीजा बिनयवादीना बत्रीश नेद अने चोथा अज्ञानवादीना सडस नेद,ए रीते चार प्रकारना पाखंमी डे. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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