Book Title: Nayadhamma Kahao
Author(s): N V Vaidya
Publisher: N V Vaidya
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-XVII.138] नायाधम्मकहाणी
205 पोयवहणे संचोरेंति २ तणस्स य कट्ठस्स य जाव भरेंति । तए णं ते संजुत्ता दक्खिणाणुकूलेणं वाएणं जेणेव गंभीरए पोयपट्टणे तेणेव उवागच्छंति २ पोयवहणं लंबेंति २ ते आसे उत्तारेंति २ जेणेव हत्थिसीसे नयरे जेणेव कणगकेऊ राया तेणेव उवागच्छंति २ करयल जाव वद्धावेंति ते आसे उवणेति । तए णं से कणगकेऊ तेर्सि संजुत्तावाणियगाणं उस्सुक्कं वियरइ २ सकारेइ संमाणेइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं से कणगकेऊ कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ सक्कारेइ संमाणेइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं से कणगकेऊ राया आसमद्दए सहावेइ २ एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! मम आसे विणएह । तए णं ते आसमद्दगा तहत्ति पडिसुणेति २ ते आसे बहूहि मुहबंधेहि य कण्णबंधेहि य नासाबंधेहि य वालबंधेहि य खुरबंधेहि य कडगबंधेहि य खलिणबंधेहि य अहिलाणबंधेहि य पडियाणेहि य अंकणाहि यं वित्तप्पहारेहि य लयप्पहारेहि य कसप्पहारेहि य छिवप्पहारेहि य विणयंति कणगकेउस्स रन्नो उवणेति । तए णं से कणगकेऊ ते आसमद्दए सक्कारेइ २ पडिविसजेइ । तए णं ते आसा बहूहिं मुहबंधेहि य जाव छिवापहारेहि य बहूणि सारीरमाणसाइं दुक्खाई पावेंति । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथो वा निग्गंथी वा पव्वइए समाणे इटेसु सहफरिसरसरूवगंधेसु सज्जइ रज्जइ गिज्झइ मुज्झइ अझोववज्जइ से णं इहलोए चेव बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं जाव सावियाणं हीलणिज्जे जाव अणुपरियट्टइ ।
(गाहा):- कलरिभियमहुरतंतीतलतालवंसकउहाभिरामेसु । सहेसु रजमाणा रमंति सोइंदियवसट्टा ॥१॥ सोइंदियदुहंतत्तणस्स अह एत्तिओ हवइ दोसो । दीविगरुयमसहंतो वहबंधं तित्तिरो पत्तो ॥२॥ थणजहणवयणकरचरणनयणगव्वियविलासियगएसु । रूवेसु रजमाणा रमंति चक्खिदियवसट्टा ॥३॥ चक्खिदियदुईतत्तणस्स अह एत्तिओ हवइ दोसो। जं जलणंमि जलते पडइ पयंगो अबुद्धीओ ॥४॥ अगरुवरपवरधूवणउँउयमल्लाणुलेवणविहीसु । गंधेसु रजमाणा रमंति घाणिदियवसट्टा ॥५॥ घाणिदियदुइंतत्तणस्स अह एत्तिओ हवइ दोसो।जं ओसहि

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