Book Title: Mallinatha Charitra
Author(s): Hargovinddas Pt Becharas Pt
Publisher: Harshchand Bhurabhai

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Page 16
________________ पृष्ठे, पङ्क्तौ, अशुद्धम् । ( २ ) ९९ १०० २६ ११३ १२ ११७ ८ २४ --वर्तक्षय-_____ -ननपङ्कजः सन् उवाच शरणामा ११७ ९ मुछ्वासे ११९ ६ -र्वाsसुक ११९ ११ -कंप्रीणा ११० ३ काश्मीरैः १२१ ७ पेठुस्तव १२२ १२ - विडम्बिका: १२२ २४ -मभूद् ज १२३ ९ -का १२४ १९ -कात् च १२७ २५ पञ्च रूपो १२८ ९ १३२ १७ १३२ १७ १३४ २ १३६ 9 चमेरन्द्रो उच्चावच्चपदै - र्वग्लद्भि भवेद् जिन वीरीतु अभूत् च चतुः पय पृष्टार्थो १३६ ६ १३६ ८ १३६ ९ १४० २१ सौविदल्ला- १४१ २६ १४२ १३ १५४ ६ १५८ ११ पूर्या सचित्रं - घान् ला रम्भोरुक दम्पतीवन १६३ १ १६५ १६५ . १६७ २३ नन्वा १७८ १६ ३ मण्डपे ४ मञ्चास्त निजधर्मवि शुद्धम् । -वक्षय -ननपङ्कजम् सन्नुवाच शरणमा मुच्छ्वासे - सुकि - कम्पूणा काश्मीरै पेठुः स्तव - विडम्बका: मभूज्ज -का -काञ्च पञ्चरूपो चमरेन्द्रो उच्चावचपदै - वल्गद्भि भवेजिन वरीतु अभूच्च चतुष्प पृष्टार्थः सौविदल्ल पुर्या सचित्र -घांलाँ रम्भोरुक दम्पतित्वेन मण्डपम् मचांस्त नत्वा निजधर्मवि

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