________________ [ 444 ] सूर मण्गइ अप्पाण से गामे वा नगरे वा से जाण अजाण वा से हु चक्सु मणुयाण सोचा जाणइ कल्लाण सो तस्स सव्वस्न मोलसविहभेएण तो वि अतरभामिल्लो सोही उज्जुभूयस्त 253 276 267 162 378 176 हत्यनजए पायजए 232 हत्य पाय च काय च 87 हत्यागया इमे कामा 371 हम्ममाणो न कुप्पेज्जा 104 हरियालभेपनकासा 332 हरियाले हिंगुलए 67 हात किहु रइ दप्प 287 हिय विगपभया बुद्धा 76 हिंगुलघाउसकाता हिंसे वाले मुसावाई म० 156 हिंसे वाले मुसावाई मा० રરર 378 हत्य पायपडिच्छिन्न 268