Book Title: Mahavira Jivan Bodhini
Author(s): Girishchandra Maharaj, Jigneshmuni
Publisher: Calcutta Punjab Jain Sabha

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Page 9
________________ .. प्रकार प्रश्नोत्तरका- ..... - चरित्र महावीरका ... आपके सम्मुख एक ऐसी पुस्तिका आ रही है-- जो सैंकड़ों प्रश्न और उत्तर से भरी पड़ी है, अर्थात् . सम्पूर्ण सम्पादन प्रश्न एवं उत्तर से ही सम्पादित : हुआ है। आपको यह प्रकार थोड़ा विचित्र सा लगेगा किन्तु हमारी प्राचीन शैली का सर्वमान्य व सर्वश्रेष्ठ : साहित्य प्रायः प्रश्नोत्तर से सम्पादित हुआ है। श्रीमद् भगवतीसूत्र ३६ ००० ( छत्तीस हजार ) प्रश्नः और उत्तर का महाकाय-आकार ग्रंथ है ; जो जैन आगम साहित्य का मुकुटमणि शास्त्र है। श्रीमद् भगवद् गीता भी प्रश्न-उत्तर का ही शास्त्र है जो भारतीय संस्कृति का सार ग्रन्थ है। श्रीमद् भागवत किंवा वेद साहित्य, दर्शन साहित्य और योगादि । साहित्य भी प्रश्न-उत्तर का हो भंडार है। ___ श्री मधुरभाषी वाणीभूषण गिरीशचंद्रजी मुनि तथा श्री जिज्ञेश मुनि ने इतने सरल तरीके से प्रश्न-उत्तर शैली. अपनाकर भगवान महावीर की जीवनी को एक नया ही आयाम दिया है और सहज भाव से इसके द्वारा महावीर के सम्बन्ध में हमें अपूर्व जानकारी हासिल हो जाती है ।। प्रस्तुत पुस्तक पढ़ने के बाद आप प्रभावित हुए विना नहीं:

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