Book Title: Kundakunda Shabda Kosh
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: Digambar Jain Sahitya Sanskriti Sanskaran Samiti

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Page 7
________________ www.kobatirth.org IV, कुन्दकुन्द साहित्य के अध्येताओं व जिज्ञासुओं ने उनके शब्दकोश की महती आवश्यकता महसूस की, जो कार्य डा. उदयचन्द जी द्वारा अथक परिश्रम के साथ सम्पन्न किया गया उनका प्रयास श्लाघनीय है। किन्तु इसमें अभी काफी संशोधन संवर्द्धन के स्थान रिक्त हैं जो कि आचार्य कुन्दकुन्द साहित्य के मनीषियों एवं चिन्तकों के सहयोग के साथ ही यथासमय पूर्णता को प्राप्त कर सकेगें। मुझे जानकारी है कि अभी तक वर्तमान का कोई भी कोश प्रथम प्रयास में ही पूर्णता को प्राप्त नहीं कर सका उसके परिमार्जन / परिवर्द्धन के लिए पर्याप्त समय और. संस्करण अपेक्षित हुए हैं। इसी प्रकार इस प्रस्तुत कोश को भी प्रौढ़ता प्राप्त करने के लिए मनीषियों एवं अध्येताओं का सहयोग वांछनीय होगा। हम आशा करेंगे कि इस दिशा में आपका श्रम हमारे उत्साहवर्धन के योग्य होगा। Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra प्रस्तुत कोश के संकलन में आचार्य श्री विद्यासागर जी की प्रेरणा का पावनयोग मिला है, अतः समिति एवं संकलनकर्ता उनकी तपोपूत करांजलि में इस ग्रन्थ को समर्पित करते हुए उन परम निर्ग्रन्थ के प्रति विनम्र भक्ति भाव व्यक्त करते हैं साथ ही इस कार्य के सहयोगी महानुभावों के प्रति सहृदय आभार ज्ञापित करते हैं। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस शब्दकोश के प्रकाशन के लिए श्री सुमत प्रसाद जैन (सी-२०९) और श्रीमति सरोजनी जैन (धर्मपत्नी श्री मोती लाल जैन) (बी- २५७) विवेक विहार दिल्ली द्वारा पूरा कागज प्रदान करके हमें प्रोत्साहित किया है। अतः हम उनके हृदय से आभारी हैं। आशा है विद्वत्समाज एवं जिज्ञासु समुदाय इस प्रयास का योग्य लाभ लेगा। मैसूर १४.३.८९ For Private and Personal Use Only राकेश जैन मंत्री

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