Book Title: Kulingivadanodgar Mimansa Part 01 Author(s): Sagaranandvijay Publisher: K R Oswal View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (२) -00 - - 0 -00 00 - 00050566900 बंद करवाये और वहाँ से आपने अपना पराजय मान के किसी बहाने से पलायन कर दिया। पलायन कर जाते हुए आपके पास फिर भी गवालियर स्टेट के प्रसिद्ध तीर्थ-स्थल मक्षीजी में शास्त्रार्थ कर लेने के लिये चौथी बार मय प्रतिज्ञापत्र के चेलेंज पहोंचाया गया और सूचित किया गया कि मदीजी में आप पंद्रह रोज ठहरो, हम बहुत जल्दी आते हैं। लेकिन शास्त्रार्थ करने के लिये वहाँ भी आपके पैर नहीं टिक सके । अस्तु, अब भी जल्दी विना टालाटली के तैयार हो जाओ । हम जोधपुर रियासत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री भांडवा-महावीर और भीलड़िया पार्श्वनाथ; इन दो क्षेत्रों में से एक में शास्त्रार्थ के लिये तैयार हैं। शास्त्रार्थ करने के लिये एक पक्षी क्षेत्र अयोग्य हैं, इसलिये हमारे तरफ से पक्षपात रहित ऊपर मुताविक दो क्षेत्र मुकर्र हैं । इनमें दोनों के पक्ष का एक भी घर नहीं है । आपके तरफ से शास्त्रार्थ करने की निश्चित मंजूरी मिलने पर ऊपर के दो तीर्थक्षेत्रों में से ही किसी जैनेतर को जो सभ्य ! और समझदार होगा मध्यस्थ चुन लिया जायगा। - %DEOSCRI %D LOSE0E0%D0se For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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