Book Title: Kavyanushasanam Satikam
Author(s): Kashinath Sharma
Publisher: Kashinath Sharma

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Page 362
________________ गुरुगर्भभर गुरुवणपरवश गुर्वर्थमथ गूवाकानां ना (टी.) (टी.) गृहाणि नाम गृहीत येनाशी... गेहाजिरेषु (टी.) गेहे वाहीक (टी.) गोत्राग्रहारं (टी.) गोमायवः श (टी.) :: ... गोरपि यद्वाह गोष्ठे यत्र .. ग्रन्थान्तरप्रसि (टी.) ग्रीवाभङ्गाभिरा... ग्रीष्मी ची रीना (टी.) ग्रैष्मिक समय (टी.) घनाघ नायं न (टी.) घोरघोरतरा ( टी.) चकार काचित् चकास्ति वदन चकोरहषीं (टी.) चक्रं दहतारं चक्रं रथो मणि (टी.) चक्री चक्रारपति.. ... ... www ... ... ... चञ्चद्भुजभ्रमि चतसृष्वपि (टी.) चतुःसमुद्र (टी.) चतुरसखीजन ... चन्दनासक्त (टी.) ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... चन्द्रं गता पद्म • चन्द्राद्दुधः समभव (टी.) चन्दम ऊ एहिं चमहियमाण (टी.) ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ABG ... ... ... ... ... ... पृष्ठाङ्काः १०१ || चम्पककलि ३७ | चरां वाल्ये डि (टी.) १७८ | चलच्चटुल (टी.) १३३ चलति कथं ६९ | चलापाङ्गां.. १८५ | चापं पुष्प १३१ | चापाचार्य १३५ | चारुता वपुरभूष. ... (टी.) १३ १९५ | चित्रं चित्रं वत.. १८३ | चिरकालपरि ... (टी.) ... ३२८ | चुम्वलङ्का ३४० | चूअङ्कुरावयसं ७८ चूडा प्रोतेन्दुमा (टी.) चैत्रे चित्रौर (टी.) चैत्रे मदधि: ७७ १२९ | जम्बूद्वीपः ... १२७ | जयति क्षुण्ण १३४ १३४ (टी.) २१४ | च्युतसुमनसः (टी.) ६ च्युतामिन्दोर्ले (टी.) ३१३ |छन्नानुरागपू १९० | छायामपास्य १३० | जगदेकगुरुर्यो (टी.) २११ | जङ्घांकाण्डोरु १२७ } जडचन्दनचार (टी.) जनको जनको (टी.) १९० जनस्थाने भ्रान्तं ... चित्तमेव हि सं (टी. ) . ... ... 040 ... १६८ | जयति सितवि (टी.) ४८ | जयन्ति धवल (टी.) ::: ... २५४ |जय मदनगज ५० | जयाशा यत्र (टी.) ... ... ... ... ⠀⠀⠀ ... ... ... ... ⠀⠀ ⠀⠀⠀ ... ⠀⠀ ... ... :: ... ... ⠀⠀⠀ ... ... १८६ | जयन्ति नील (टी.) :.. जयन्ति वाणासु (टी.) ... ... ... : ... ... ... ... ... ... 6.3 ... 303 ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... पृष्ठाङ्काः २३३ ४ १३० ९१ १८ १४ १६२ १५२ २३० २८५ १८३ १३३ ५० २१९ १३३ १३२ १९७ १९९ ३२७ १६५ २१३ १६२ १३४ १७७ १०६ १२६ १४३ १० ८ १५ २१५ १७९

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