Book Title: Katantra Vyakaranam Part 02 Khand 01
Author(s): Jankiprasad Dwivedi
Publisher: Sampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay
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२९७. नृणाम्
२९८. नृणाम्
२९९. पचतकि
३००. पञ्च
३०१. पञ्चानाम्
३०२. पटवः
३०३. पटवे
३०४. पटुना
३०५. पटू
३०६. पटून्
३०७. पत्या
३०८. पत्युः
३०९. पत्यौ
३१०. पथः
३११. पथयति
३१२. पथा
३१३. पथिकः
३१४. पद्मानि
३१५. पन्थाः
३१६. पन्थानौ
३१७: पयः
परिशिष्टम् - २
४०५ ३१८. पयः सु
४०५ ३१९. पयसी
३३४ | ३२०. पयांसि
१८४
१८२,२३४ | ३२१. पयोभ्याम्
१४२ ३२२. परमत्रयाणाम्
१४५ | ३२३. पर्णध्वत्
४२,१३४,१३९ | ३२४. पर्णध्वद्देश्यः
१३५ | ३२५. पर्णध्वद्भ्याम्
१३८ | ३२६. पाचिका
१९० | ३२७. पाठिका
१५३ | ३२८. पितरः
१५१ | ३२९. पितरि
२७३,२७४३३०. पितरौ
२७४३३१. पिता
२७३
३३२. पितुः
२७४३३३. पितॄन्
३७,२१४,२१८ ३३४. पुत्रस्ते
२७० | ३३५. पुत्रस्ते दास्यति
२७१ ३३६. पुत्रस्त्वा पातु
२०६३३७. पुत्रो नः
५३९
४८५
२१२
३८,५४,
२१४,२१८
४८५
१७८
४३८
४३८
४३८
३३९
३३९
१६२
१६०
१६२
१५६
१५४
१५८
३४८
३४९
३४९
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