Book Title: Karmprakrutau Uday
Author(s): Yashovijay, Malaygiri
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 12
________________ स्व Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrth.org Achana Sh Kailassagersuri Gyanmandir कर्मप्रकृतिः ॥६॥ दEDITIES भणिया मूलपगतिसातिअणाइपरूवणा। इयाणि-उत्तरपगतिणं भन्नतिअनहण्णाणुक्कासो सगयालाए चउत्तिहा चउहा। मिच्छत्ते सेसासिं दुविहा सव्वे य सेसाणं ॥७॥ | उदयः । (चू०)-'अजहन्नाणुक्कोसोसगयालाए चउत्तिहात्ति-अजहन्नो उदओ सत्तचत्तालीसाए कम्माणं सातियाति साधनादि चउब्धिहो, मिच्छत्तरहिया धुवोदयअडयालीसा सत्तचत्तालीसा भवंति । एएसिं सत्तचत्तालीसाते कंमाणं प्ररूपणा खवियकम्मंसिगो देवो संकिलिट्ठो उक्कोसट्ठिति बंधिउमाढत्तो उवडियदलितो बंधावसाणे कालं करेउं एगिदिओ उववन्नो,'तस्स पढमसमते वहमाणस्स जहन्नतो पदेसुदओ सामन्नेणं । ओहीदुगस्स देवस्स उक्कोसठिइं बंधिउमाढत्तस्स बंधावलियाए चरिमसमते जहन्नओ पएसुदओ एकं समयं । सो सातिय अधुवो । तस्सेव पुणो जहन्नातो अजहन्नगं गयस्स अजहन्नस्स सातितो, तं प्रणमपत्तपुवस्स अणातितो धुवोदयत्तातो, धुवाधुवा पुश्वुत्ता । एएसिं चेव सत्तचत्तालीसाते कम्माणं गुणियकम्मंसिगं पडुच्च उकोसओ पदेसुदतो अप्पप्पणो उदयंते भवति । सो य साति अधुवो। तं मोत्तूण सेसोणुक्कोसो, तस्स आदी नत्थि धुवोदयत्तातो, धुवाधुवो पुवुत्तो। 'चउहा मिच्छत्त'त्ति-अजहण्णमणुकसावि उदया मिच्छत्तस्स सादियादि चउब्विहा । कहं ? भण्णति-मिच्छदि-12 हिस्स खवियकम्मंसिगस्स पढमं संमतं उप्पाएमाणस्स अंतरकरणे कते उवसमसंमत्तातो मिच्छत्तं गयस्स उदीरणुदयस्स अंते वट्टमाणस्स जहन्नओ पदेसुदओ भवति, सोय सादि य अधुवो । तं मोत्तूण सेसो अज-4 हन्नो। तस्सेव बितियसमते मिच्छत्तं वेतेमाणस्स जहण्णोदयस्स आदि भवति। वेयगसंमत्ततो वा परिवर्डतस्स ॥६॥ For Private and Personal Use Only

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