Book Title: Karan Prakash
Author(s): Bramhadev, Sudhakar Dwivedi
Publisher: Chaukhamba Sanskrit Series Office

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Page 269
________________ ( 147 ) दाव, दंस, दरकव, दरिस ; उग्ग, उगघाड दृश-णिच उत्-घट-णिच स्पृह-णिच सं-भू-णिच मिह उत्-नम-णिच प्र-स्था-णिच वि-ज्ञा-णिच अर्प-णिच या-णिच प्ल-णिच विकोश-णिच रोमन्थ-णिच काम-णिच प्रकाश-णिच कम्प-णिच श्रा-रुह-णिच दोल-णिच रज्ज-णिच घट-णिच वेष्ट-णिच श्रासंघ, (वा) उत्थघ, उल्लाल, गुलुगच्छ उप्पेल, (उस्याव; पट्टव, पेण्डव, पट्ठाव ; वोक, भावुक्क, विश्व अल्लिव, चचुप्प पणाम, अप्प ; जव, जाव; उम्बाल, पव्वाल, पाव ; परकीड (वा) उग्गाल, वग्गोल, रोमंथ णिव पाव, पत्रास ; विच्छोल (वा) वल, रोव ; रंखील, ढोल ; राव (वा) परिवाड (वा) परि-पाल Aho ! Shrutgyanam

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