Book Title: Kantivijayji Shastra Sangraha Chhani Vadodara
Author(s): Kantivijayji Shastra Sangraha
Publisher: Kantivijayji Shastra Sangraha

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Page 3
________________ नोंध १/२ । २ ३ . प्रवर्तक कान्तिविजयजी म.सा. शास्त्र संग्रह (हस्तलिखित) जैन ज्ञान मंदिर, छाणी क्रमानुसार सूची क्रमांक ग्रंथ का नाम पत्र १/१ | निशीथसूत्रचूर्णी प्रथम खंड नं. १/१ । १-२३२ | निशीथचूर्णी द्वितीय खंड नं. १/२ १-२४५ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रम् ऋषभदेव| नेमिनाथ-चरित्राभ्यां रहितम् १-३८१ मुनिसुव्रतस्वामी चरित्र २११मुं कोरुं छे प्राकृतगाथाबद्ध । १-२११ | संवत १९६० प्रथमपंचाशकचूर्णि नं. ४थो १-५८ क्षेत्रसमासवृत्तिसह चुडामणी | पत्र २५मुंबेवडुं छे न्याय मंजुषा बृहद्वृत्ति ५२ धातु रत्नाकर . ३५८ पृथ्वीचंद्र चरित्र १२४ १० |सूत्रकृतांगसूत्र सटिक त्रिपाठ २७५ I (चित्र पृष्ठिकायुक्त) टीकाकर्ता : शीलाचार्य सं. १९६२ | अनुयोगद्वार सूत्र २८ १२ । | प्रत्येकबुद्ध चरित्र ९८ १३ शालिवाहन चरित्र पद्य - संस्कृत ३३ १४/१ | बृहत्कल्पसूत्र नियुक्ति भाष्य टीकासह ३४३ क १४/२ | बृहत्कल्पसूत्र नियुक्ति भाष्य टीकासह | ३४४-६८६ | ख १५ शतपदी शतपदी । मध्याह्न व्याख्यान | प्रतिष्ठा सारोद्धार टिप्पणीसह - त्रूटक | १८-११४ नंदीरचनाविधि आदि तथा सरस्वती स्तोत्र १९ | सत्यविजय पंन्यास निर्वाण २० विजयसेनसूरि निर्वाण २१ | उदयात् तीथि विचार .२२ लघुउपमिति भवप्रपंचा कथा १८ २४ .२६ २७ २८ ७८ १७ ૨૮ | भवभावना संक्षिप्त वृत्तिसह पत्र | कुमारपालप्रबन्ध | शब्दरत्नाकर - शब्द प्रभेद नाममाला | सुरसुंदरीकथा गाथाबद्ध यतिजितकल्पचूर्णी नंदीसूत्र चूर्णी | महल्लत्रया पिंड नियुक्ति | धर्मोपदेशमाला सटिक ऋषभदेवचरित्र गाथाबद्ध - प्राकृत | उणादि नाममाला अंगुल संस्कृतिका टीका तथा बालावबोधसह १५ ३१ १४७ १९२ १६

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