Book Title: Kalpsutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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कल्पसूत्रे सशब्दार्थे ||८७७॥
महावीर प्रभोः चरित्रम्
२४ महावीरपहुस्स चरित्तंमूलमू-दसम देवलोगस्स बीससागरोवमं ठिइं भुज्जा तओ चविउण खत्तियकुंडगामे नयरे आगमिअ, पिऊरस नाम सिद्धत्थो, माउस्स नाम तिसला आसी, आऊ बावत्तरि वरिसं, आसाढसुक्कछट्ठीए गब्भकल्लाणगं, चेइय सुक्क | तेरसदिणे जम्मकल्लाणगं, कुमारपए अट्ठावीसवरिसं, दिनमेकरज्जं करीअ,
चंदपभा सिबियारूढो मिग्गसिर किण्हदसमीए दिक्खिओ जाओ। पढम भिक्खादायारो बहुलबंभणो, भिक्खाए खीरं लद्धं, छउमत्थावत्थाकालो दुवालसवरिसा. अद्धसहियं छम्मासा, चेइयरुक्खतले वेसाह सुक्कदसमीए केवलणाणं, कत्तिय किण्ह अमावासदिणे अद्धरत्तिए निव्वाणं, सत्तरयणी देहप्पमाणं, कंचणवण्णो, सीललक्खणो, णायगगणहरो इंदभूई, अग्गणी साहुणी चंदणबाला, पव्वज्जाकालो
11८७७॥

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