Book Title: Kaise Banaye Aapna Career
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 114
________________ की ज़रूरत है। हर बड़े अधिकारी को अपने शहर की रोज़ सौ समस्याएँ सुलझानी पड़ती हैं। हर अभिभावक को अपने घर की दस समस्याओं को सुलझाना पड़ता है। अगर उसके पास सकारात्मकता का मंत्र न होगा तो वह समस्याओं को पाकर झुंझलाएगा, सबके लिए तनाव का निमित्त बनेगा। बगैर सकारात्मकता के माता-पिता एक अच्छे माता-पिता नहीं हो सकते, एक गुरु सद्गुरु नहीं बन सकता, कर्मचारी अधिकारी होने तक का विकास नहीं कर सकता, विद्यार्थी कुलपति नहीं बन सकता और व्यापारी वैभवशाली नहीं बन सकता। शांति, समृद्धि, संतोष और सफलता का पहला और आखिरी मंत्र है : सकारात्मक सोच। ____ आप संकल्प लीजिए, सदा स्मरण रखिए – मैं सकारात्मक सोचूँगा, सकारात्मक बोलूँगा, सकारात्मक व्यवहार करूँगा। विशेष रूप से उस समय जब कोई मेरे सामने विपरीत परिस्थिति आ जाएगी। कोई भी व्यक्ति मात्र 99 दिन के लिए सकारात्मक सोच के मंत्र को अपना ले तो 100 वाँ दिन आपका इतना खुशनुमा होगा कि आप चमत्कृत हो उठेंगे। विद्यार्थी गुरुजनों के प्रति और गुरुजन विद्यार्थियों के प्रति, सास बहू के प्रति और बहू सास के प्रति, कर्मचारी अपने अधिकारी के प्रति और अधिकारी अपने कर्मचारियों के प्रति, यानी हम सब एक दूसरे के प्रति सकारात्मक सोच के जीवन मंत्र को अपनाएँ। अगर सकारात्मक सोच को हम अपना गुरुमंत्र बना लेते हैं तो मैं दावे के साथ कहता हूँ कि हमारे जीवन में, हमारे व्यवहार और रिश्तों में, परिवार और व्यापार में, समाज और संसार में मिठास बढ़ेगी, तनाव कटेंगे, प्रेम, सम्मान और भाईचारे में निश्चय ही ईजाफा होगा। way of success 113 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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