Book Title: Jyotish Prashna Falganana
Author(s): Dayashankar Upadhyay
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan

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Page 35
________________ 'विमला' व्याख्योपेता ऊकारका २२ । एकार का १९, ऐकार का २९, ओकार का १९ औकार का २५, अंकार का १०, अःकार का २२, स्वरांक के अनन्तर वर्णांक को लिखते हैं। क कारका २१ ख कारका ३१ ग कारका १० घ कारका १८ ङ कारका २१ च २७ छ १६ ज ३४ झ २५ न २६ ट २१ ठ ३५ ड १३ ढ १४ ण कारका १७ त २७ थ १३ द २६ ध १८ न १८ प २८ फ २७ ब २१ भ २६ म १६ य ४२ र ११ ल ९ व ७ श २५ ष ११ स २५ ह १२ क्ष कारका ५ ध्रुवांक होते हैं। प्रातःकाले बालकद्वारा वृक्षस्य नामग्रहणं कारयितव्यम् । मध्याह्न तरुणद्वारा पुष्पस्य नामग्रहणम् । अपराले वृद्धद्वारा फलस्य नामग्रहणम् । अक्षरांकं प्रत्येक गृहीत्वा यथोदितध्रुवांके योजयत्वा म्वस्वभाग्यशेषांकन फलं वदेत् । तथाहि लाभालाभे त्रिभिर्भागः। एकेन लाभः, द्वाभ्यां स्वल्पलाभः, शन्ये हानिः ॥ १ ॥ जीवनमरणे त्रिभिर्भागः एकेन जीवनम्, द्वाभ्यां कष्टसाधनम्, शून्ये मृत्युः ॥ २ ॥ सुखदुःखे द्वाभ्यां भागः, एकेन सुखम्, दःभ्यां दुःखम् ॥ ३ ॥ गमनागमने त्रिभिर्भागः, एकेन गमनं, द्वाभ्यां स्थितिः, शून्ये मृत्युः ॥ ४॥ प्रातःकाल के विषय मे बालक के मुख से किसी वृक्ष का नाम कहलाना, मध्याह्न समय में युवा पुरुष के मुख में किसी पुष्प का नाम ग्रहण कराना। सायंकाल में वृद्ध के मुख मे फल का नाम ग्रहण कगना, तदनन्तर जो-जो अक्षर कहे उन अक्षरों के जो-जो अंक हैं उन अंकों को एक में जोड़ दे, अनन्तर लाभादि विषय में जिस विषय का प्रश्न हो उन के जो ध्रुवांक हैं उनमें ये जो इकट्ठे किये हुए अंक हैं उनको मिलाये, पीछे अपने-अपने भाग के अंकों से भाग देने पर शेष जो बचे उससे फल कहे-भाग के अंक लिखते हैं । लाभालाभ के प्रश्न में तीन का भाग देना, एक बचे तो लाभ, दो बचे तो थोड़ा लाभ, शून्य बचे तो हानि कहना ॥ १॥ और जीवन-मरण के प्रश्न में तीन का भाग दे। एक बचे तो जीवन कहे, दो बचे तो कष्टसाध्य, शून्य बचे तो मृत्यु कहना ॥२॥ सुख-दुःख के प्रश्न में दो का भाग दे। एक बचे तो सुख, दो बचे तो दुःख कहना ॥३॥ गमन होगा या नहीं ? ऐसे प्रश्न में तीन का भाग देना । एक बचे तो गमन, दो बचे तो गमन नहीं, शुन्य बचे तो गमन में मृत्यु हो ।। ४ ।। http://www.Apnihindi.com

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