Book Title: Jan Jan ke Bich Acharya Shri Tulsi Part 02
Author(s): Hansraj Baccharaj Nahta
Publisher: Meghraj Sanchiyalal Nahta

View full book text
Previous | Next

Page 169
________________ १६१ सचमुच ही आज देश के विद्यार्थियों मे आत्म जागरण की बडी भारी श्रावश्यकता है । वह आज फैशन तथा सिनेमा जैसे वाह्य आकर्षणो में फसकर जैसे अपनी आत्म-सरक्षा को भूल ही गया है । इसीलिए उसमें अनुशासनहीनता के अकुर, अकुर ही नही बल्कि वृक्ष भी फलते जा रहे हैं । बहुत से शिक्षा - शास्त्रियो को भी अब यह अनुभव होने लगा है कि शिक्षण में अध्यात्म - शिक्षा का भी स्थान रहना चाहिए। पर ये सब तो सरकार की बातें हैं । सरकार के सामने समस्याए तो होगी ही । पर वह इस मामले में सुस्त चलती है यह तो स्पष्ट ही है । अनेक वार प्रश्न उठाए गए है कि शिक्षा मे अध्यात्म का स्थान होना चाहिए । सरकार ने भी उसे स्वीकार किया है पर वह कार्य रूप मे कव परिणत हो सकेगा यह नही कहा जा सकता । कई सस्थाओं ने निजी तौर पर उसकी व्यवस्था जरूर कर रखी है । उसमे तेरापथी महासभा का भी अपना स्थान है । श्री केवलचन्दजी नाहटा इस सवन्ध मे काफी प्रयास कर रहे है | पर उनका यह प्रयास अभी तक साधु-सतो के सहयोग मिलने तक ही सीमित है । जहा साधु लोग नही हो वहा भी यह प्रयास वढना आवश्यक है | 4 यहा तो मुनिश्री नवरत्नमलजी तथा उनके सहयोगी साधुओ ने अच्छा काम किया है । यह न केवल समाज सुदृढता का ही प्रश्न है बल्कि इसका महत्व तो इसलिए वहुत अधिक है कि इससे छात्रो मे आत्मोदय की भावना घर करती है । तथा वे सच्चरित्र - सस्कारित होकर देश के सुयोग्य नागरिक बनते है । गरगढ के भाई-बहन यहा काफी सख्या मे उपस्थित हुए थे । उन्होने डूगरगढ पधारने का निवेदन भी किया । पर अभी वह सभव नही था ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233