Book Title: Jainagmo Me Parmatmavad
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Atmaram Jain Prakashanalay

View full book text
Previous | Next

Page 1129
________________ १८ १५११६ ८.१०३ ५।१३५ ११३६२ ६।४ ११७ ११७ १७ १५।११६ १७।६२ १७७ ११३६७,४०८ ६४ १६.६७ १३३१०४ १३।१०५ ३१६ ८।२५० १३११०० ११।१४६ सा२७६ ८।२८० ८।२७७ ८।२७६ गयतेए जाव विणट्ठतेए गयपति वा जाव वसभपति गरुयत्ताए जाव पच्चोवयमाणे गरुया जाव अगल्य गाढीकयाइ जाव नो गामाणुगाम जाव जेणेव गामाणुगामं जाव विहरमाणे गामाणु जाव विहरमाणे गाहा एव उववाएयव्वा गाहावइ जाव केइ गुणसिलामो जाव विहग्इ गुणोववेय जाव ससि० गेण्हमाणा जाव अदिन्न गेण्हमाणा जाव दिन्न गेण्हह जाव अदिन्न गेण्हह जाव दिन्न गोत्तेण जाव छ?छद्रेण गोयमा जाव अधयारे गोयमा जाव अणतखुत्तो गोयमा जाव अत्थे गोयमा जाव चिट्ठित्तए गोयमा जाव न गोयमा जावन गोयमा जाव नवहा गोयमा जाव नो गोयमा जाव पच्चायाती गोयमा जाव परिणमइ गोयमा जाव भोगी गोयमा जाव समे गोयमा जाव सव्व० गोवग्ग जाव पडिबुद्ध गोसालस्स जाव करेत्तए गोसाला जाव नो गोसाले जाव करेत्तए १५ ५।२३७ १२।१३६-१४१,१४७,१४६,१५१ ११३५४ १७१३३ ७७५ ७७७ १२।७६ ८।२३५ प०६ ८।२४८ २१५६ ११।१३४ ८।२७६ ८/२७६ ८२७६ ८.२७६ ११९२।१०६ ५२३७ १२।१३४ ११३५४ १७.३३ ७७५ ওওও १२।७४ पा२३५ राह १११३३ ७.१३६ ७.१५६ १/२०१ १६१६१ १५॥१८ १५१०४ १५९८ १११३३ ७।१३६ ७.१५६ १।२०१ १६६१ १५१८ १५।१११ १५९८

Loading...

Page Navigation
1 ... 1127 1128 1129 1130 1131 1132 1133 1134 1135 1136 1137 1138 1139 1140 1141 1142 1143 1144 1145 1146 1147 1148 1149 1150 1151 1152 1153 1154 1155 1156 1157