Book Title: Jain Vivah Vidhi Tatha Sharda Pujan Vidhi
Author(s): Saubhagyavijay, Muktivijay
Publisher: Nandishwar Dwip

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इसलिये इस गुजराती पुस्तक का हिन्दी में अनुवाद कर प्रस्तुत पुस्तक मैनें तैयार की है। इस पुस्तक में लग्न के शुरू के दिन से लेकर आखिर तक तमाम विधि मय मंत्रों में दी गई है । इसमें में कोई-कोई विधि कहीं-कहीं नहीं कराई जाती है जैसा कि 'मातृका स्थापन' करना तथा वरकन्या को 'अभिषेक' कराना गुजरात में रिवाज है और मारवाड़ में नहीं है तो इसके लिये यहीं समझना चाहिये कि जहाँ जैसा रिवाज हो उस मुताबिक विधि कराकर शेष विधि छोड़ देवे, पुस्तक लिखने वाले का फर्ज है कि जितनी विधि हो उतनी पूरी लिखे बिना अधूरी नहीं छोड़ सकता कारण कि पुस्तक वहीं लिखी जाती है जो आम पब्लिक के लिये उपयोगी हो, मैनें इस ख्याल से सर्व साधारण के लिये इसका अनुवाद किया है, आशा है क्रिया कारक महाशय जिस-जिस प्रान्त में जैसा रिवाज हो उस मुताबिक इसमें से अलग-अलग छांटकर क्रिया कराते रहेंगे। इस 'जैन विवाह विधि' पुस्तक के पीछे जैन शारदा पूजन की विधि भी दी गई है सो इसके मुताबिक विधि कराना जैन समाज के लिये उचित है । इत्यलं सुज्ञेषु । ॐ शांतिः । ता. १०-६-३१ मु. कवराड़ा. (मारवाड़) -- लेखक मुनि सौभाग्यविजय - For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26