Book Title: Jain Puran kosha
Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan
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डाँ० दरबारीलाल कोठिया
नाम
जन्मतिथि
जन्मस्थान
शिक्षा
सेवाए
अन्य
-डॉ० दरबारीलाल कोठिया ।
- आषाढ़ कृष्णा द्वितीया, वि० सं० १९६८ ।
- सिद्धक्षेत्र नैनागिरि ( म०प्र०)
- सिद्धान्तशास्त्री, प्राचीन न्यायशास्त्री, न्यायतीर्थ, न्यायाचार्य,
शास्त्राचार्य एम० ए०, पीएच० डी०
- प्रधानाचार्य ऋषभ
म मथुरा।
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- प्राचार्य समन्तभद्र संस्कृत विद्यालय, दिल्ली ।
- प्राध्यापक, दिगम्बर जैन कालेज, बड़ौत ।
नाम
जन्मतिथि शिक्षा
आदि के संचालन में प्रमुख योगदान ।
रचनाएं - जैन तर्कशास्त्र में अनुमान विचार, जैनदर्शन और प्रमाणशास्त्र परिशीलन एवं २०० से अधिक शोध-लेख । . ग्रन्थ सम्पादन एवं अनुवाद
१. अध्यात्मकलाड २. व्यापका
३. बाप्तपरीक्षा,
-रीडर, जैनदर्शन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी।
- वर्णी जैन ग्रन्थमाला,
- दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद्,
- स्याद्वाद महाविद्यालय, वाराणसी,
- प्राकृत जैन शोध संस्थान, वैशाली,
- वीर सेवा मन्दिर ( सरसावा ) दिल्ली
डॉ० कस्तूरचन्द 'सुमन'
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डॉ० कस्तूरचन्द 'सुमन'
- १२ अप्रैल, १९३६
- एम० ए० (संस्कृत प्राचीन इतिहास एवं स्थापत्य, पाति प्राकृत), शास्त्री, काव्यतीर्थ, साहित्यरत्न, बी० ए०, पीएच० डी० ।
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४. श्रीपुर पारवनाथ स्तोत्र, ५. शासन शिका, ६. स्याद्वादसिद्धि,
७. प्राकृत पदमानुक्रम,
८. प्रमाण प्रमेयकलिका,
९. समाधिमरणोत्साह दीपक, १०. द्रव्य संग्रह, ११. प्रमाणपरीक्षा आदि ।
पत्र-पत्रिका सम्पादन- अनेकान्त, दिल्ली,
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-जैन प्रचारक, दिल्ली, - जैन सन्देश, मथुरा 1
इस प्रकार आप ४० से भी अधिक वर्षों से न केवल दार्शनिक व साहित्य जगत में ही सक्रिय है अपितु सामाजिक सेवाओं में भी संसग्न है। साहित्य व समाज सेवा के लिए समय-समय पर आपको न्यायालंकार, न्यायरत्नाकर, न्यायवाचस्पति आदि मानद उपाधियों द्वारा अलंकृत किया गया है, अनेक बार पुरस्कृत व सम्मानित भी किया गया है जिसमें उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 'प्रमाणपरीक्षा' पुस्तक के लिए प्रदत्त पुरस्कार प्रमुख है। आपकी उदार एवं दानशील प्रवृत्ति से अनेक जरूरतमन्द व्यक्ति, विद्यार्थी एवं संस्थाएं उपकृत है। डॉ० कोठिया का जीवन दर्शन, साहित्य व समाज के लिए समर्पित है।
सम्पादन एवं अनुवाद-मरसेणचरित ( अपभ्रंश )
- इन्द्रनन्दी नीतिसार (संस्कृत)
सेवाए
जैनविद्या संस्थान श्रीमहावीरजी में शोषाधिकारी एवं प्रभारी सितम्बर १९८३ से ।
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