Book Title: Jain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Fulchandra Shastri Foundation

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Page 116
________________ ___ - ५४ - ४३ जैन-पाण्डुलिपियाँ एवं शिलालेख अष्टपाहुड - ६३ आर्यमंखु अष्टापद (कैलाश पर्वत) - ६८, ६६ ।। आयात-निर्यात - ४० असली हीरा - ४० आरमाइक-लिपि - १० आसिक (महाराष्ट्र का एक आरा - ६०, ६७, ७४, ७७ प्राचीन देश) - २०, २७ आराधना ग्रन्थ (आचार्य असुर लिपि शिवकोटि कृत) - ६२ अस्तारां (फारसी) = नक्षत्र - ५७ आलम शाह (कालपी का शासक)- ४६ अस्त्राखान (रूस का एक नगर) - ६२ आल्सडोर्फ (डॉ.) -७६ अहंगयाल (प्राच्यकालीन विस्मृत आवश्यक नियुक्ति भाष्य एक नगर) -६६ आहू (फारसी) = कृष्णसार - ५२, ५७ अहमदाबाद - ४६, ६० इंद्रनंदि (श्रुतावतार नामक । आइने अकबरी (अबुल फजलकृत __ग्रंथ के लेखक) फारसी ग्रंथ) - ५० इक्ष्वाकुवंशी आकित (फारसी) = कुशल इटली (देश) आगमवाणी - २६ इण्डिया ऑफिस लाइब्रेरी (लन्दन)- ६१ आगरा इन्द्र (प्रतिष्ठित कन्नड़ नागरिक) - ७२ आचण्ण (कन्नड कवि) - २६ इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) आचलदेवी (कन्नड महारानी) - ३४ इब्राहीम शाह (शासक) आचारप्रदीप (लुप्तग्रंथ) ६३ इलाहाबाद आदंसलिवि (लिपि) ईंट (लेखनोपकरण-सामग्री) आदतनु (फारसी) = सहायता ईख आदित्य (वर्धमान पुराण ईरान (देश) (अनुपलब्ध) का प्रणेता) - ६३ ईब्राहिम (फारसी) = ब्रह्म आदित्यसहस्रनाम (स्तोत्र) ईश्वर चमूपति (कर्नाटक आदिनाथ (तीर्थंकर) - २२, का एक सेनापति) आदिनाथ (मंदिर) - ४४, ७३ ईहं (फारसी) = यह, मैं आदिपम्प (कन्नड कवि) - २६, ३० । उकेशवंशी आदिपुराण - ३०, ३८ उग्रादित्य (कल्याणकारक नामक आयुर्वेद आनिमानि (फारसी) हमारी प्रार्थना- ५४ ग्रन्थ का लेखक)- २६, ३४, ३८, ६० आन्ध्र (प्रदेश) - ६६ उच्चकप्प (उच्छकल्प वर्तमान ऊँचेहरा आमेरशास्त्र भंडार (जयपुर) - ६० जहाँ परिव्राजकों का साम्राज्य था) - ६६ आयप्रश्नतिलक (ज्योतिष ग्रंथ) - ४५ उच्चतरिआलिपि आय-सदभाव (ज्योतिष उज्जैन का एक लुप्त ग्रन्ध) - ४५ उत्क्षेपावर्त लिपि आर्यावर्त - १६ उत्तरकुरुद्वीप लिपि . - ७५

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