Book Title: Jain Lakshanavali Part 1
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
View full book text
________________
ग्रन्थानुक्रमणिका
संख्या
संकेत
ग्रन्थ नाम
ग्रन्थकार
प्रकाशक
प्रकाशन काल
पउमच.
पउमचरिय
विमलसुरि
पद्म. पं.
पद्मनन्दि-पंचविंशति पद्मनन्दी मुनि पद्मपुराण (भा. १,२,३) श्रीर विषेणाचार्य
जैनधर्म प्रसारक सभा | ई. १९१४
भावनगर जैन संस्कृति संध, सोलापुर | ई. १९६२ भारतीय ज्ञानपीठ, काशी ई. १६४४,
ई. १९५३ परमश्र तप्रभा क मंडल बंबई वि.सं. १९९३
पद्म. पु.
परमा.
परमात्मप्रकाश
श्रीयोगीन्द्र देव
परमा. वृ.
परमात्मप्रकाश वृत्ति
श्री ब्रह्मदेव
१७६ | परीक्षा.
श्रीमाणिक्यनन्द्याचार्य | बालचन्द्र शास्वी, बनारस
ई. १६२८
परीक्षा (प्र.र.मा.
सहित) पचवस्तुकग्रन्थ
पंचव.
हरिभद्र सूरि
जैन पुस्तकोद्धार संस्था, बंबई ई. १९२७
१७८ | पंचव. वृ. | पंचवस्तुकवृत्ति
| हरिभद्र सूरि
भारतीय ज्ञानपीठ, काशो
ई. १६६०
१७१ । प्रा. पंचसं. पंचसंग्रह (प्राकृतवृत्ति,
संस्कृतटीका व हि. अनु.) १८० पंचसं. पंचसंग्रह
चन्द्रर्षि महत्तर
आगमोदय समिति, बम्बई
ई.१६२७
पंचसं. स्वो. पंचसंग्रह वृत्ति
वृ. १८२ | पंचसं. पंचसंग्रह(प्र. व द्वि. भाग)
मुक्ताबाई ज्ञानमन्दिर डभोई | ई. १९३८
(गुजरात)
पंचसं.स्वो..| पंचसंग्रह वृत्ति
| पंचसं. मलय
मलयगिरि
| पंचसंग्रह (संस्कृत)
अमितगति
पंचसं.
अमित. १८६ | पंचसू.
मा. दि. जैनग्रन्थमाला समिति ई. १९२७
बम्बई जैन आत्मानन्द सभा, वि. सं. १९७०
भावनगर
पंचसूत्र
अज्ञात
पंचसू. द. | पंचसूत्रवृत्ति
हरिभद्र सूरि
१८८ | पंचाध्या. पंचाध्यायी
कवि राजमल्ल
ग. वर्णी जैन ग्रंथमाला, वी. नि. २४७६
बाराणसी जैन श्वेताम्बर संस्था, रतलाम ई. १६२८
पंचाश. पंचाशकमल पंचाश. वृ. पंचाशक टीका पंचा. का. पंचास्तिकाय
हरिभद्र सूरि अभयदेव मूरि
कुन्दकुन्दाचार्य
परमश्रृत प्रभावक मण्डल
वि. सं. १९७२
बम्बई
अमृत चन्द्राचार्य
| पंचा.का. पंचास्तिकाय वृत्ति
अमृत.व. १६३ पंचा. का. पंचास्तिकाय वत्ति
| जय. वृ. ।
जयसेनाचार्य
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446