Book Title: Jain Katha Kosh
Author(s): Chatramalla Muni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ सम्पादकीय अपने विद्यार्थीकाल में भी जब-जब मैं कोई कथा पढ़ता, प्रवचन आदि में कोई कहानी सुनता या किसी पत्र-पुस्तक में कहानी देख लेता तो उसे तुरन्त अपनी नोटबुक में या पन्नों में लिख लेता। इसी रुचि से मेरे पास कथा-साहित्य का अच्छा संग्रह तैयार हो गया। मेरे परम उपकारी श्रद्धेय मुनि श्री सोहनलालजी स्वामी का स्मरण आज बरबस हो आता है। जब मैं उनके सान्निध्य में बैठकर पुरानी चौपी, रास, काव्य-आगम आदि पढ़ता था, वे उसका विवेचन करते समय कथा में कथा की कलियां खोलते जाते और मैं मन्त्रमुग्ध सुनता जाता और फिर तुरन्त ही लिख लेता। इसी प्रकार मुनिश्री छत्रमल्लजी भी जब बाहर से राज में (आचार्यश्री के पास) पधारते, तो मैं सबसे पहले पूछता-'मेरे लिए क्या लाये हैं?' और वे मुझे नयी लिखी हुई कथाएं देकर कहते-'यह लो, तुम्हारे लिए ये कहानियां, यह व्याख्यान का मसाला लाया हूं।' इस कथा-रुचि के फलस्वरूप ही मुनिश्री छत्रमल्लजी द्वारा संकलित कथा-संग्रह को 'कथा कल्पतरु' के तीन भाग को आकर मिला, और अब भी दो-तीन भाग की साम्रगी अवशिष्ट है। इसी के साथ मुनिश्री की प्रेरणा व मार्गदर्शन से 'जैन-कथा कोष' के सम्पादन का सौभाग्य मिला, इसकी मुझे परम प्रसन्नता है। यह सम्पादन है तो वैसे ईख को मिश्री से मीठा करने जैसा ही, पर मैं कहां तक सफल हो पाया हूं, यह तो पाठकों के हाथ में है। इसमें कथाएं न होकर जीवन-चरित्र हैं, जो प्रायः प्रचलित हैं, पर उनके सन्दर्भ/उद्गमस्थल खोजने का कार्य बहुत कठिन। किन्तु कथा के साथ सन्दर्भ होने से उसके ऐतिहासिक स्वरूप का ज्ञान भी हो जाता है तथा उस सूत्र के सहारे अन्य स्रोत भी खोजे जा सकते हैं। संदर्भ देने में मुझे श्रीचन्द सुराना का भी आत्मीय सहयोग मिला है, जो वर्षों से जैन कथा साहित्य का अध्ययन-अनुशीलन

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 414